श्री गणेश आरती

पर purva gudekar द्वारा प्रकाशित

aarti ganpati ji ki

श्री गणेश आरती: संपूर्ण गाइड

नमस्कार दोस्तों! भगवान गणेश – विघ्नहर्ता, बुद्धि और समृद्धि के देवता – हिंदू धर्म में अत्यंत श्रद्धेय हैं। श्री गणेश आरती इनकी स्तुति का एक सुंदर तरीका है, जो भक्तों के जीवन में बाधाओं को दूर करने और सद्गुणों का आशीर्वाद पाने के लिए गाई जाती है।

चलिए, इस ब्लॉग में गहराई से जानने की कोशिश करते हैं गणेश आरती का महत्व, अर्थ, करने की विधि, और साथ ही सुनते हैं इस आरती से जुड़ी दिलचस्प कथाएँ।

श्री गणेश आरती के बोल

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

एक दंत दयावंत,
चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे,
मूसे की सवारी ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

पान चढ़े फल चढ़े,
और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे,
संत करें सेवा ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

अंधन को आंख देत,
कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत,
निर्धन को माया ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

‘सूर’ श्याम शरण आए,
सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

—– Additional —–
दीनन की लाज रखो,
शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो,
जाऊं बलिहारी ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

आरती का अर्थ

“जय गणेश…” से शुरू होकर यह आरती भगवान गणेश की विनम्रतापूर्वक प्रशंसा करती है। माता पार्वती और पिता शिव के पुत्र के रूप में, उन्हें ब्रह्मांड में बाधाओं को दूर करने के लिए मनाया जाता है। गणेश जी लंबे दांत (एकदंत), चार भुजाओं वाले, माथे पर सिंदूर लगाए, और मूषक पर सवार होकर सबकी रक्षा करते हैं।

यह आरती बताती है कि कैसे करुणामयी गणेश अंधे को दृष्टि, कोढ़ी को स्वस्थ शरीर, निःसंतान को संतान, और निर्धन को धन का आशीर्वाद देते हैं। उन्हें सम्मान से ‘सद्गुरु’ और ‘देवताओं के देवता’ कहा जाता है।

गणेश आरती का महत्व

  • शुभ शुरुआत: किसी भी शुभ कार्य को शुरू करने से पहले अक्सर गणेश आरती की जाती है क्योंकि यह माना जाता है कि यह सभी विघ्नों को दूर करती है।
  • ज्ञान और बुद्धि का आशीर्वाद: गणेश को ज्ञान का भंडार माना जाता है। उनकी आरती से एकाग्रता और निर्णय लेने की स्पष्टता में वृद्धि होती है।
  • समृद्धि और भाग्य: श्री गणेश की पूजा से जीवन में समृद्धि और भाग्य आने की मान्यता है।
  • आध्यात्मिक जुड़ाव: गणेश आरती भक्ति का एक रूप है, जो साधक और भगवान के बीच एक मजबूत आध्यात्मिक संबंध बनाती है।

पूजा विधि

  1. सबसे पहले एक स्वच्छ स्थान पर गणेश जी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
  2. धूप, दीप, रोली, चावल, फूल, फल, मिठाई आदि से उनकी पूजा करें।
  3. शुद्ध मन से गणेश मंत्र का जाप करें: “ॐ गं गणपतये नमः”
  4. उसके बाद, भक्ति-भाव से श्री गणेश आरती गाएं।
  5. आरती के बाद, प्रसाद के रूप में फल और मिठाई भक्तों में बांटे।

आरती से जुड़ी कथा

गणेश जी की उत्पत्ति से लेकर उनकी विद्वता तक, हिंदू पौराणिक कथाओं में श्री गणेश आरती से जुड़ी कई कहानियां शामिल हैं। यहां एक प्रसिद्ध कथा है:

एक बार, देवी पार्वती स्नान के लिए गईं। उन्होंने नंदी (भगवान शिव के वाहन) को प्रवेश द्वार पर पहरा देने का निर्देश दिया ताकि कोई उन्हें परेशान न करे। लेकिन शिवजी वहां आ गए, और नंदी उन्हें रोक नहीं पाए। इससे पार्वती जी को क्रोध आ गया, और उन्होंने सोचा कि उनका निजी द्वारपाल होना चाहिए।

उन्होंने अपने शरीर के उबटन से एक बालक बनाया और उसमें प्राण फूंक दिए। बालक को अपने पुत्र के रूप में स्वीकार करते हुए, पार्वती जी ने उसे द्वारपाल के रूप में नियुक्त किया। बाद में, भगवान शिव आए और बालक ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया। गुस्से में शिवजी ने उसका सिर काट दिया।

माता पार्वती बहुत क्रोधित हुईं। उन्होंने शिव से आग्रह किया कि वे बालक को फिर से जीवित कर दें। शिव जी ने अपने दूतों को एक ऐसे जीव की तलाश करने के लिए भेजा जिसका सिर उत्तर दिशा में हो। उन्हें एक हाथी का बच्चा मिला, और वे उस हाथी का सिर लेकर आए। शिव जी ने उस सिर को बालक के धड़ पर लगा दिया, और इस तरह भगवान गणेश का जन्म हुआ।

गणेश आरती के लाभ

  • मन की शांति और सकारात्मकता को बढ़ाती है।
  • ज्ञान और बुद्धि के विकास को बढ़ावा देती है।
  • बाधाओं को दूर करती है और जीवन में सफलता सुनिश्चित करती है।
  • जीवन में समृद्धि और सौभाग्य लाती है।
  • आत्मविश्वास और दृढ़ संकल्प को बढ़ाती है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q. गणेश आरती करने का सबसे अच्छा समय क्या है?

A. आरती सुबह और शाम दोनों समय करना शुभ माना जाता है। हालांकि, बुधवार को गणेश जी का विशेष दिन माना जाता है।

Q. क्या हम रोजाना गणेश आरती कर सकते हैं?

A. हां, आप प्रतिदिन गणेश आरती कर सकते हैं।

Q. क्या गणेश आरती के लिए कोई विशेष नियम हैं?

A. आरती करते समय मन में श्रद्धा और भक्ति होनी चाहिए।

गणेश आरती से जुड़ी भक्तों की कहानियां

हिंदू धर्म में भगवान की भक्ति के परिणामस्वरूप होने वाले चमत्कारों और अनुभवों की अनगिनत कहानियां हैं। श्री गणेश आरती से जुड़े कई प्रेरक किस्से हैं जो साधकों के विश्वास को मजबूत करते हैं। यहाँ कुछ कहानियाँ हैं:

  • व्यवसाय में सफलता: एक व्यापारी था जिसका व्यवसाय ठीक नहीं चल रहा था। उन्होंने श्री गणेश आरती का नियमित रूप से पाठ करना शुरू किया। कुछ ही हफ्तों के भीतर, उनके व्यवसाय में महत्वपूर्ण सुधार दिखने लगा, और जल्द ही वे धनवान हो गए।
  • परीक्षा में उत्तीर्ण होना: एक छात्रा अपनी आगामी परीक्षाओं को लेकर बहुत चिंतित थी। उसकी माँ ने उसे हर दिन श्री गणेश आरती गाने के लिए प्रोत्साहित किया। परीक्षाओं में छात्रा ने अच्छा प्रदर्शन किया।
  • नौकरी पाने का सपना: एक युवक काफी समय से नौकरी की तलाश कर रहा था। उसने भगवान गणेश की भक्ति शुरू की और रोजाना आरती की। कुछ महीनों के भीतर, उसे एक अच्छी नौकरी मिल गई।

ये कुछ उदाहरण हैं कि कैसे श्री गणेश आरती में लोगों का विश्वास रहा है, और उनकी प्रार्थनाओं का उत्तर मिलता है। ध्यान रहे: किसी भी पूजा में चमत्कार की उम्मीद के बजाय भक्ति और श्रद्धा का भाव होना अधिक महत्वपूर्ण है।

श्री गणेश आरती के अन्य संस्करण

श्री गणेश आरती के पारंपरिक संस्करण के अलावा, कई अन्य लोकप्रिय रूप भी मौजूद हैं। इनमें से कुछ में शामिल हैं:

  • सुखकर्ता दुखहर्ता आरती: यह भगवान गणेश की लंबी आरती है जो उनके विभिन्न रूपों की प्रशंसा करती है।
  • गणेश जी की महिमा आरती: यह आरती श्री गणेश के गुणों और उनकी महिमा का वर्णन करती है।
  • संकटमोचन गणेश आरती: इस आरती में गणेश जी को विघ्नहर्ता, संकटों से दूर करने वाले के रूप में पूजा जाता है।

इन आरतियों को सुनना भी उतना ही फलदायी माना जाता है, जितना उनका पाठ करना।

गणेश आरती का मंत्र

गणेश आरती के अलावा, गणेश जी के कुछ अत्यंत शक्तिशाली मंत्र हैं। इन मंत्रों के जप से जीवन में सफलता मिलती है। एक प्रसिद्ध गणेश मंत्र है:

ॐ गं गणपतये नमः

इस मंत्र का अर्थ है, “मैं गणेश जी को नमन करता हूँ।” इस मंत्र का नियमित जाप करने वाले भक्तों को शुभ फल मिलता है।

निष्कर्ष

प्रिय मित्रों, श्री गणेश आरती भगवान गणेश की पूजा और आशीर्वाद पाने की एक शुभ और भक्ति-भावना से भरी विधि है। इसके नियमित जप से जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं, सफलता और समृद्धि मिलती है। गणपति जी, रिद्धि-सिद्धि के दाता, सभी भक्तों का कल्याण करें!


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