चंद्र दर्शन: महत्व, सही समय, विधि, कथाएं, और शुभ मुहूर्त

पर Shreya Dwivedi द्वारा प्रकाशित

Chandra Darshan

नमस्कार दोस्तों! क्या आप जानते हैं कि हिंदू धर्म में चंद्रमा को देवता का दर्जा प्राप्त है? चंद्र दर्शन यानि चांद को देखने और पूजा करने की परंपरा अति प्राचीन है। विशेषतः गणेश चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन करना अति शुभ माना जाता है। आइये जानते हैं कि चंद्र दर्शन क्यों किया जाता है, इसकी धार्मिक कथा क्या है, और इसका शुभ मुहूर्त क्या होता है।

तिथि और शुभ मुहूर्त

चंद्र दर्शन की तिथि:

  • चंद्र दर्शन हर महीने में अमावस्या के बाद अगले दिन, यानि प्रतिपदा तिथि को किया जाता है।
  • 2024 में चंद्र दर्शन की तिथियां निम्नलिखित हैं:
महीनातिथि
फरवरी11
मार्च10
अप्रैल8
मई7
जून5
जुलाई4
अगस्त2
सितंबर1
अक्टूबर30
नवंबर28
दिसंबर27

चंद्र दर्शन का शुभ मुहूर्त:

  • चंद्र दर्शन का शुभ मुहूर्त हर महीने में बदलता रहता है।
  • चंद्र दर्शन का सबसे शुभ समय सूर्यास्त के बाद 15 से 30 मिनट के बीच होता है।
  • 2024 में चंद्र दर्शन के शुभ मुहूर्त निम्नलिखित हैं:
महीनातिथिशुभ मुहूर्त
फरवरी116:08 pm – 7:45 pm
मार्च107:17 am – 7:45 pm
अप्रैल86:29 pm – 8:06 pm
मई76:40 pm – 8:17 pm
जून56:51 pm – 8:28 pm
जुलाई47:02 pm – 8:39 pm
अगस्त27:13 pm – 8:50 pm
सितंबर17:24 pm – 9:01 pm
अक्टूबर307:35 pm – 9:12 pm
नवंबर287:46 pm – 9:23 pm
दिसंबर277:57 pm – 9:34 pm

चंद्र दर्शन का महत्व

हिंदू धर्म में चंद्रमा मन का कारक माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र में भी इसका बहुत महत्व है। चंद्रमा एक शीतल, सुंदर और मनभावन ग्रह है। ऐसी मान्यता है कि चंद्र दर्शन के बाद चंद्र देव की पूजा करने और उन्हें अर्घ्य देने से जीवन में सुख-शांति आती है। इससे मानसिक संतुलन मिलता है।

चंद्र दर्शन से जुड़ी पौराणिक कथाएं

चंद्र दर्शन और गणेश चतुर्थी से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। आइए जानते हैं उन प्रमुख कथाओं के बारे में:

  • स्यामंतक मणि: एक कथा के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण को स्यमंतक मणि का झूठा दोष लगाया गया था। इस दोष को दूर करने के लिए उन्होंने चतुर्थी तिथि के दिन चंद्र दर्शन किया था, जिससे मणि प्राप्त हो गई और उनका दोष दूर हुआ।
  • गणेश जी और चंद्रमा: एक अन्य मान्यता है कि भाद्रपद के महीने में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन श्री गणेश जी का जन्म हुआ था। उस समय चंद्रमा ने गणेश जी का मज़ाक उड़ाया था, जिससे नाराज हो कर गणेश जी ने चंद्रमा को श्राप दे दिया। बाद में चंद्रमा को इस पर पछतावा हुआ और उन्होंने क्षमा मांगी। गणेश जी ने उनका श्राप तो वापस नहीं लिया, परंतु यह वरदान दिया कि जो कोई चतुर्थी के दिन चंद्रमा के दर्शन करेगा उस पर लगा झूठा कलंक मिट जाएगा।

विधि

  1. चंद्र दर्शन के लिए सबसे पहले स्नान करके साफ कपड़े पहने।
  2. चंद्र देव का ध्यान करें और एक पात्र में दूध, जल, चावल, फूल आदि लें।
  3. चंद्रमा निकलने के बाद चंद्र देव को अर्घ्य दें और पूजा करें।
  4. चंद्र देव की आरती करें और उनसे सभी मनोकामनाओं की पूर्ति का आशीर्वाद मांगे।

चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन

गणेश चतुर्थी हो या कोई और चतुर्थी, इस दिन चंद्र दर्शन का फल कई गुना बढ़ जाता है। चतुर्थी का व्रत और फिर चंद्र दर्शन करके व्रत को खोलने की परंपरा है।

उपसंहार

चंद्र दर्शन, मन को शांति और सुकून देने वाला एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है। यह जीवन में सुख-समृद्धि लाने और मनोकामनाओं को पूरा करने में सहायक होता है। चंद्र दर्शन की विधि सरल है, और इसे घर पर ही किया जा सकता है।

चंद्र दर्शन करते समय ध्यान रखने योग्य बातें:

  • चंद्र दर्शन करते समय चंद्रमा को नग्न आंखों से देखना चाहिए। दूरबीन या टेलीस्कोप का उपयोग नहीं करना चाहिए।
  • चंद्र दर्शन के बाद चंद्र देव की आरती करना और उनसे प्रार्थना करना शुभ माना जाता है।

यह भी ध्यान रखें:

  • यदि चंद्रमा बादलों के कारण दिखाई न दे तो अगले दिन चंद्र दर्शन किया जा सकता है।
  • चंद्र दर्शन के लिए शुभ मुहूर्त हर महीने में बदलते हैं। आप पंचांग या ज्योतिषी से शुभ मुहूर्त जान सकते हैं।

चंद्र दर्शन: FAQs

प्रश्न 1: चंद्र दर्शन के लिए शुभ मुहूर्त कैसे जानें?

उत्तर: चंद्र दर्शन के लिए शुभ मुहूर्त हर महीने में बदलते हैं। आप पंचांग या ज्योतिषी से शुभ मुहूर्त जान सकते हैं।

प्रश्न 2: यदि चंद्रमा बादलों के कारण दिखाई न दे तो क्या करें?

उत्तर: यदि चंद्रमा बादलों के कारण दिखाई न दे तो अगले दिन चंद्र दर्शन किया जा सकता है।

प्रश्न 3: क्या चंद्र दर्शन करते समय दूरबीन या टेलीस्कोप का उपयोग करना चाहिए?

उत्तर: नहीं, चंद्र दर्शन करते समय दूरबीन या टेलीस्कोप का उपयोग नहीं करना चाहिए। चंद्रमा को नग्न आंखों से देखना चाहिए।

प्रश्न 4: क्या चंद्र दर्शन के बाद कुछ विशेष करना चाहिए?

उत्तर: हाँ, चंद्र दर्शन के बाद चंद्र देव की आरती करना और उनसे प्रार्थना करना शुभ माना जाता है।

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