Guru Ravidas Jayanti

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रविदास जयंती: समानता और कर्मयोग का संदेश

रविदास जयंती, माघ पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है, जो संत रविदास के जन्मदिन का प्रतीक है। रविदास जी एक महान संत, समाज सुधारक, और कवि थे, जिन्होंने अपने जीवनकाल में सामाजिक बुराइयों, जाति-पांति के भेदभाव, और अंधविश्वासों के खिलाफ आवाज उठाई। वे समानता, कर्मयोग, और भक्ति के प्रबल समर्थक थे।

रविदास जी का जीवन:

  • जन्म: 1377 ईस्वी, काशी (उत्तर प्रदेश)
  • जन्मतिथि: माघ पूर्णिमा
  • माता-पिता: कलसा देवी और संतोष दास
  • जाति: चमार (चर्मकार)
  • गुरु: संत रामानंद
  • रचनाएं: रविदास जी की रचनाएं गुरु ग्रंथ साहिब, भक्तमाल, और आदि ग्रंथ में शामिल हैं।

रविदास जयंती मनाने का महत्व:

  • समानता और कर्मयोग का संदेश: रविदास जयंती का दिन हमें समानता और कर्मयोग का संदेश देता है। रविदास जी का मानना था कि सभी इंसान समान हैं और किसी भी इंसान को उसकी जाति या धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। वे कर्मयोग के प्रबल समर्थक थे और उनका मानना था कि मनुष्य को कर्म करते हुए अपना जीवन जीना चाहिए।
  • सामाजिक बुराइयों के खिलाफ आवाज: रविदास जयंती का दिन हमें सामाजिक बुराइयों, जाति-पांति के भेदभाव, और अंधविश्वासों के खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रेरित करता है। रविदास जी ने अपने जीवनकाल में इन बुराइयों के खिलाफ आवाज उठाई और समाज में समानता और न्याय स्थापित करने का प्रयास किया।

रविदास जयंती कैसे मनाई जाती है:

  • भक्ति और गुरुभक्ति: रविदास जयंती के दिन भक्त रविदास जी के मंदिरों में जाते हैं, उनकी पूजा करते हैं, और उनके भजनों का गायन करते हैं।
  • शोभायात्राएं: रविदास जयंती के दिन कई जगहों पर शोभायात्राएं निकाली जाती हैं, जिनमें रविदास जी की झांकी और उनके भजनों का गायन शामिल होता है।
  • संगोष्ठियां और कार्यक्रम: रविदास जयंती के दिन रविदास जी के जीवन और विचारों पर संगोष्ठियां और कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

रविदास जयंती का संदेश:

रविदास जयंती का संदेश हमें समानता, कर्मयोग, और भक्ति के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है। रविदास जी का जीवन हमें सिखाता है कि हमें जाति-पांति के भेदभाव और अंधविश्वासों से दूर रहकर एक न्यायपूर्ण और समान समाज का निर्माण करना चाहिए।

निष्कर्ष:

रविदास जयंती का दिन हमें रविदास जी के जीवन और विचारों से प्रेरणा लेने का अवसर प्रदान करता है। हमें रविदास जी के समानता, कर्मयोग, और भक्ति के संदेश को अपने जीवन में उतारना चाहिए।

अंत में, रविदास जयंती की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं!


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