गौमता आरती: पवित्रता, समृद्धि और दिव्य अनुग्रह का मार्ग

पर purva gudekar द्वारा प्रकाशित

Gaumata Aarti

परिचय

नमस्कार मित्रों! हमारी भारतीय संस्कृति में गाय को ‘गौमता’ का दर्जा प्राप्त है – एक पूजनीय और दिव्य माँ समान। गौमाता आरती आस्था और श्रद्धा का एक अनूठा प्रतीक है, जो हमें गाय के प्रति सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त करने का अवसर देती है। आज, आइए हम गौमता आरती की महत्ता को समझें, इसकी विधि सीखें, और इससे मिलने वाले असीम लाभों के बारे में जानें।

हिंदू धर्म में, गौमता को पवित्रता, करुणा और निस्वार्थता का प्रतीक माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि गाय में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास है। गौ सेवा को एक अत्यंत पुण्य कार्य माना जाता है, जो समृद्धि, आध्यात्मिक विकास और दिव्य कृपा को आमंत्रित करता है।

गौमता आरती (हिंदी)

श्री गौमता जी की आरती
आरती श्री गैय्या मैंय्या की,
*आरती हरनि विश्‍व धैय्या की ॥अर्थकाम सद्धर्म प्रदायिनि,
अविचल अमल मुक्तिपददायिनि ।
सुर मानव सौभाग्य विधायिनि,
प्यारी पूज्य नंद छैय्या की ॥

आरती श्री गैय्या मैंय्या की,
*आरती हरनि विश्‍व धैय्या की ॥

अख़िल विश्‍व प्रतिपालिनी माता,
मधुर अमिय दुग्धान्न प्रदाता ।
रोग शोक संकट परित्राता,
भवसागर हित दृढ़ नैय्या की ॥

आरती श्री गैय्या मैंय्या की,
*आरती हरनि विश्‍व धैय्या की ॥

आयु ओज आरोग्य विकाशिनि,
दुख दैन्य दारिद्रय विनाशिनि ।
सुष्मा सौख्य समृद्धि प्रकाशिनि,
विमल विवेक बुद्धि दैय्या की ॥

आरती श्री गैय्या मैंय्या की,
*आरती हरनि विश्‍व धैय्या की ॥

सेवक जो चाहे दुखदाई,
सम पय सुधा पियावति माई ।
शत्रु मित्र सबको दुखदायी,
स्नेह स्वभाव विश्‍व जैय्या की ॥

आरती श्री गैय्या मैंय्या की,
*आरती हरनि विश्‍व धैय्या की ॥

आरती श्री गैय्या मैंय्या की,
*आरती हरनि विश्‍व धैय्या की ॥

आरती का महत्व

गौमताआरती आभार और भक्ति की अभिव्यक्ति है। यह निम्नलिखित कारणों से विशेष महत्व रखती है:

  • दिव्य आशीर्वाद: गौमता आरती करने से देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिलता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
  • नकारात्मकता का निवारण: गौमता आरती के शुभ स्वर नकारात्मक ऊर्जा को दूर भगाते हैं और सकारात्मकता को आकर्षित करते हैं।
  • आध्यात्मिक उन्नति: भक्ति भाव से गायी गयी आरती से मन शांत होता है, जिससे आध्यात्मिक साधना में मदद मिलती है।
  • पर्यावरण संरक्षण: गौमता की पूजा करना हमें पर्यावरण संरक्षण के हमारे पारंपरिक मूल्यों की याद दिलाता है।

गौमता आरती की पूजा विधि

गौमता आरती के लिए आवश्यक सामग्री:

  • गौ माता की तस्वीर या मूर्ति
  • धूप, दीपक, कपूर
  • पुष्प, अक्षत (साबुत चावल), रोली
  • शुद्ध जल, गंगाजल (यदि उपलब्ध हो)
  • नैवेद्य (मिठाई या फल)

विधि:

  1. स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें।
  2. गाय की मूर्ति या चित्र के समक्ष एक चौकी रख स्थापित करें।
  3. दीपक जलाएं, धूप और कपूर से आरती करें।
  4. गौमता को पुष्प, अक्षत, रोली अर्पित करें।
  5. शुद्ध जल या गंगाजल छिड़कें और नैवेद्य अर्पित करें।
  6. गौमता आरती श्रद्धापूर्वक गाएं।
  7. आरती के पश्चात परिक्रमा करें और प्रसाद ग्रहण करें।

अन्य मंत्र

अधिकांश लोग गौमता आरती के साथ गौमता से जुड़े विशेष मंत्रों का भी जाप करते हैं। यहां कुछ लोकप्रिय मंत्र दिए गए हैं:

  • गायत्री मंत्र: सर्वशक्तिमान ईश्वर को समर्पित एक सार्वभौमिक मंत्र।
  • गौमता मंत्र “ॐ सर्वे देवा गोमते रक्षन्तु” (इसका अर्थ है: सभी देवता गौमता की रक्षा करें)

गौमता आरती से जुड़ी कथाएँ

पौराणिक कथाओं में गौमता से संबंधित कई दिलचस्प कहानियाँ मिलती हैं। यहाँ कुछ प्रसिद्ध कथाएँ हैं:

  • कामधेनु की कथा: कामधेनु, इच्छा-पूर्ति करने वाली दिव्य गाय, जो समुद्र मंथन के दौरान प्रकट हुई थीं।
  • कृष्ण और गौ पूजा: भगवान कृष्ण गायों से बहुत प्यार करते थे और उन्हें अक्सर गोपाल (गायों का रक्षक) कहा जाता है।

आरती के लाभ

गौमता आरती के असंख्य लाभ हैं। यहाँ कुछ प्रमुख लाभ हैं:

  • मनोकामनाओं की पूर्ति: गौमता की कृपा से सच्चे मन से की गई मनोकामनाएँ पूरी होती हैं।
  • सुख-समृद्धि का आगमन: यह अनुष्ठान जीवन में धन, स्वास्थ्य और समग्र कल्याण लाता है।
  • आध्यात्मिक शुद्धि: गौमता आरती का नियमित अभ्यास आंतरिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति की ओर ले जाता है।
  • पारिवारिक एकता: यह अनुष्ठान परिवार में सद्भाव, प्रेम और एकता को बढ़ावा देता है।

FAQs

  • गौमता आरती करने का सबसे अच्छा समय क्या है? सुबह और शाम को आरती करने का आदर्श समय माना जाता है।
  • क्या मैं घर पर गौमता आरती कर सकता हूँ? जी हाँ! घर पर ही गौमता आरती की जा सकती है।
  • यदि गौमता की मूर्ति उपलब्ध नहीं है, तो क्या होगा? आप गौमता के चित्र के सामने भी आरती कर सकते हैं। भावना सबसे महत्वपूर्ण है।

निष्कर्ष

मित्रों, गौमता आरती सिर्फ एक अनुष्ठान नहीं है; यह हमारे भीतर करुणा, कृतज्ञता और दिव्यता के बीज बोने का एक जरिया है। आइए हम गौमता आरती के सार को अपनाएं और अपने जीवन को आशीर्वाद से भरपूर बनाएं। जय गौमता!


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