श्री गोरखनाथ चालीसा: दिव्य योगी और गुरु की स्तुति
परिचय
आपका स्वागत है! हिन्दू धर्म में, अनगिनत संत और गुरुओं ने अपनी दिव्यता और ज्ञान से मानव जीवन को सवारने का कार्य किया है. ऐसे ही महान विभूतियों में से एक हैं, गोरखनाथ जी. आज हम आपको श्री गोरखनाथ चालीसा के बारे में विस्तार से बताएंगे, जिसका जाप करने से भक्तों को उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है.
श्री गोरखनाथ चालीसा
दोहा-
गणपति गिरिजा पुत्र को,
सिमरूँ बारम्बार ।
हाथ जोड़ विनती करूँ,
शारद नाम अधार । ।चौपाई-
जय जय जय गोरख अविनाशी,
कृपा करो गुरुदेव प्रकाशी ।
जय जय जय गोरख गुणज्ञानी,
इच्छा रूप योगी वरदानी । ।
अलख निरंजन तुम्हरो नामा,
सदा करो भक्तन हित कामा ।
नाम तुम्हारा जो कोई गावे,
जन्म जन्म के दुःख नशावे ।
जो कोई गोरक्ष नाम सुनावे,
भूत पिशाच निकट नहीं आवे ।
ज्ञान तुम्हारा योग से पावे,
रूप तुम्हार लख्या ना जावे ।
निराकार तुम हो निर्वाणी,
महिमा तुम्हरी वेद बखानी ।
घट घट के तुम अन्तर्यामी,
सिद्ध चौरासी करें प्रणामी ।
भस्म अङ्ग गले नाद विराजे,
जटा सीस अति सुन्दर साजे ।
तुम बिन देव और नहीं दूजा,
देव मुनी जन करते पूजा ।
चिदानन्द सन्तन हितकारी,
मङ़्गल करे अमङ़्गल हारी ।
पूरण ब्रह्म सकल घट वासी,
गोरक्षनाथ सकल प्रकासी ।
गोरक्ष गोरक्ष जो कोई ध्यावे,
ब्रह्म रूप के दर्शन पावे ।
शङ़्कर रूप धर डमरू बाजे,
कानन कुण्डल सुन्दर साजे ।
नित्यानन्द है नाम तुम्हारा,
असुर मार भक्तन रखवारा ।
अति विशाल है रूप तुम्हारा,
सुर नर मुनि जन पावं न पारा ।
दीन बन्धु दीनन हितकारी,
हरो पाप हम शरण तुम्हारी ।
योग युक्ति में हो प्रकाशा,
सदा करो सन्तन तन वासा ।
प्रातःकाल ले नाम तुम्हारा,
सिद्धि बढ़े अरु योग प्रचारा ।
हठ हठ हठ गोरक्ष हठीले,
मार मार वैरी के कीले ।
चल चल चल गोरक्ष विकराला,
दुश्मन मान करो बेहाला ।
जय जय जय गोरक्ष अविनासी,
अपने जन की हरो चौरासी ।
अचल अगम हैं गोरक्ष योगी,
सिद्धि देवो हरो रस भोगी ।
काटो मार्ग यम की तुम आई,
तुम बिन मेरा कौन सहाई ।
अजर अमर है तुम्हरो देहा,
सनकादिक सब जोहहिं नेहा ।
कोटि न रवि सम तेज तुम्हारा,
है प्रसिद्ध जगत उजियारा ।
योगी लखें तुम्हारी माया,
पार ब्रह्म से ध्यान लगाया ।
ध्यान तुम्हारा जो कोई लावे,
अष्ट सिद्धि नव निधि घर पावे ।
शिव गोरक्ष है नाम तुम्हारा,
पापी दुष्ट अधम को तारा ।
अगम अगोचर निर्भय नाथा,
सदा रहो सन्तन के साथा ।
शङ़्कर रूप अवतार तुम्हारा,
गोपीचन्द भर्तृहरि को तारा ।
सुन लीजो गुरु अरज हमारी,
कृपा सिन्धु योगी ब्रह्मचारी ।
पूर्ण आस दास की कीजे,
सेवक जान ज्ञान को दीजे ।
पतित पावन अधम अधारा,
तिनके हेतु तुम लेत अवतारा ।
अलख निरंजन नाम तुम्हारा,
अगम पंथ जिन योग प्रचारा ।
जय जय जय गोरक्ष भगवाना,
सदा करो भक्तन कल्याना ।
जय जय जय गोरक्ष अविनाशी,
सेवा करें सिद्ध चौरासी ।
जो पढ़ही गोरक्ष चालीसा,
होय सिद्ध साक्षी जगदीशा ।
बारह पाठ पढ़े नित्य जोई,
मनोकामना पूरण होई ।
और श्रद्धा से रोट चढ़ावे,
हाथ जोड़कर ध्यान लगावे ।
दोहा –
सुने सुनावे प्रेमवश,
पूजे अपने हाथ
मन इच्छा सब कामना,
पूरे गोरक्षनाथ ।
अगम अगोचर नाथ तुम,
पारब्रह्म अवतार ।
कानन कुण्डल सिर जटा,
अंग विभूति अपार ।
सिद्ध पुरुष योगेश्वरों,
दो मुझको उपदेश ।
हर समय सेवा करूँ,
सुबह शाम आदेश ।
श्री गोरखनाथ चालीसा का महत्व
श्री गोरखनाथ चालीसा, भगवान शिव के अवतार माने जाने वाले गोरखनाथ जी की स्तुति में गाया जाने वाला एक भक्ति गीत है. चालीसा शब्द का अर्थ होता है चालीस, यानी चालीस चरणों वाला. माना जाता है कि नियमित रूप से श्री गोरखनाथ चालीसा का पाठ करने से भक्तों को अनेक लाभ प्राप्त होते हैं, जैसे:
- आध्यात्मिक विकास (Spiritual development)
- रोगों से मुक्ति (Freedom from diseases)
- भय और चिंता का नाश (Destruction of fear and worry)
- शत्रुओं पर विजय (Victory over enemies)
- कठिनाइयों को दूर करना (Overcoming difficulties)
- आत्मज्ञान की प्राप्ति (Attainment of self-knowledge)
गोरखनाथ चालीसा पाठ विधि
श्री गोरखनाथ चालीसा का पाठ करने से पहले, भगवान शिव और माता पार्वती की संक्षिप्त पूजा करना शुभ माना जाता है. आइए, विधि को क्रम से समझते हैं:
- पूजा की तैयारी (Preparation for Puja):
स्नान करने के बाद, साफ और शांत स्थान पर बैठ जाएं. एक आसन बिछाएं और उस पर गोरखनाथ जी की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें. - पूजा सामग्री (Puja Samagri):
- धूप (Incense)
- दीप (Lamp)
- फल (Fruits)
- फूल (Flowers)
- पंचामृत (Panchamrit – a mixture of milk, curd, ghee, honey, and sugar)
- भांग (Cannabis leaves – optional)
- गंगाजल (Ganga water)
- मंत्र जाप (Chanting Mantras):
सबसे पहले, ओम गणेशाय नमः (Om Ganeshaya Namah) का उच्चारण कर भगवान गणेश का आह्वान करें. इसके बाद, ओम नमः शिवाय (Om Namah Shivaya) का जाप करके भगवान शिव का स्मरण करें. - श्री गोरखनाथ चालीसा का पाठ (Recitation of Shree Gorakhnath Chalisa):
पूरी श्रद्धा और भक्तिभाव से श्री गोरखनाथ चालीसा का पाठ करें. पाठ के बाद, आरती करें और भगवान गोरखनाथ जी से अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए प्रार्थना करें. - पूजा का समापन (Conclusion of Puja):
पूजा की समाप्ति पर, दंडवत करें और प्रसाद ग्रहण करें.
ध्यान दें: यह एक सामान्य पूजा विधि है. आप अपने गुरु या पारंपरिक रीति-पूजा-पाठ का विस्तृत तरीका जान सकते हैं.
श्री गोरखनाथ चालीसा के लाभ
नित्य श्री गोरखनाथ चालीसा का पाठ करने से अनगिनत अलौकिक लाभ मिलने की बात कही जाती है. आइए देखें कुछ मुख्य लाभ:
- मन की शांति (Peace of Mind): चालीसा का पाठ करने से मन शांत होता है. जीवन की चिंताएँ कम होती हैं और मन में सकारात्मक विचारों का विकास होता है.
- इच्छाओं की पूर्ति (Fulfillment of Desires): गोरखनाथ अपने भक्तों की जायज मनोकामनाओं को अवश्य पूर्ण करते हैं.
- आत्मज्ञान की प्राप्ति (Attainment of Self-Knowledge): नियमित श्री गोरखनाथ चालीसा पाठ करने से व्यक्ति को आध्यात्मिक विकास में सहायता मिलती है.
- आत्मविश्वास में वृद्धि (Increased Confidence): चालीसा पाठ से भय का नाश होता है और मन में आत्मविश्वास बढ़ता है.
- संकटों से मुक्ति (Freedom from Trouble): माना जाता है कि चालीसा का पाठ करने वाले पर गोरखनाथ की कृपा रहती है और उन पर आने वाली विपदाएं दूर हो जाती हैं.
पूछे जाने वाले प्रश्न (Frequently Asked Questions – FAQs)
1. गोरखनाथ चालीसा का पाठ करने का सबसे अच्छा समय क्या है? उत्तर: ब्रह्म मुहूर्त यानी सूर्योदय से पहले का समय सबसे अच्छा माना जाता है. हालांकि आप अपने सुविधानुसार किसी भी समय पाठ कर सकते हैं.
2. क्या शुद्ध शाकाहारी भोजन ग्रहण करने के बाद ही चालीसा का पाठ कर सकते हैं? उत्तर: शुद्ध शाकाहारी भोजन करने से लाभ तो अवश्य होता है, लेकिन यदि आप मांसाहारी भोजन करने वाले हैं, तो चालीसा के पाठ से पूर्व स्नान कर शुद्ध हो जाएं और पूरी सात्विकता के साथ पूजा अर्चना करें.
3. क्या महिलाएं भी गोरखनाथ चालीसा का पाठ कर सकती हैं? उत्तर: जी हाँ! गोरखनाथ स्त्री और पुरुष दोनों के लिए ही वंदनीय हैं.
4. गोरखनाथ चालीसा पाठ को आसान कैसे बनायें? उत्तर: शुरुआत में आपको दोहा और चौपाई याद करने में दिक्कत हो सकती है. इसलिए, चालीसा की कोई पुस्तिका खरीदें या इंटरनेट से उसका प्रिंट निकाल लें.
5. क्या गोरखनाथ से जुड़े अन्य मंत्र भी हैं? उत्तर: जी हाँ! गोरखनाथ जी से संबंधित कई मंत्र हैं जैसे गोरखनाथ गायत्री मंत्र, गोरखनाथ मूल मंत्र आदि. आप किसी योग्य गुरु से इन मंत्रों को सीख सकते हैं.
निष्कर्ष
श्री गोरखनाथ चालीसा, गुरु गोरखनाथ को समर्पित एक अद्भुत स्तुति गीत है. चालीसा के माध्यम से, हम संत, योगी और दिव्य विभूति, गोरखनाथ जी को अपना सम्मान प्रकट करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने की कामना करते हैं. हमें उम्मीद है कि इस ब्लॉग के द्वारा आपको श्री गोरखनाथ चालीसा का गहन ज्ञान प्राप्त हुआ होगा. पाठ से पूर्व गोरखनाथ से जुड़ी रोचक कहानियां पढ़ने का भी प्रयास करें. नियमित रूप से, पूरे श्रद्धाभाव से श्री गोरखनाथ चालीसा का पाठ अवश्य ही आपके जीवन को सकारात्मकता और आध्यात्मिकता से भर देगा.
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