हनुमान आरती: पवनपुत्र की भक्ति से पाएं शक्ति और आशीर्वाद

पर user द्वारा प्रकाशित

hanuman aarti

नमस्कार दोस्तों! आज हम बात करेंगे श्री हनुमान जी की आरती के बारे में। हनुमान जी भगवन राम के परमभक्त, शक्ति, बुद्धि, और साहस के प्रतीक माने जाते हैं। मंगलवार का दिन विशेष रूप से हनुमान जी की पूजा के लिए समर्पित होता है। आइए, हनुमान आरती के महत्व, विधि और लाभों पर प्रकाश डालें।

हनुमान जी, पवन देवता के पुत्र हैं, इसीलिए उन्हें पवनपुत्र भी कहा जाता है। वे अंजनी माता के गर्भ से प्रकट हुए थे, इसलिए अंजनीसुत भी उनका नाम है। संकटमोचन के रूप में, हनुमान जी अपने भक्तों के सभी कष्ट हर लेते हैं। रुद्रावतार माने जाने के कारण, वह अतुल्य बल और साहस से संपन्न हैं।

  • मनोकामनाओं की पूर्ति: हनुमान आरती से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
  • संकटों से मुक्ति: हनुमान जी संकटमोचन हैं; उनकी आरती से जीवन के कष्ट दूर होते हैं।
  • बल और बुद्धि की प्राप्ति: हनुमान जी की कृपा से शारीरिक बल और मानसिक क्षमता बढ़ती है।
  • नकारात्मक शक्तियों से रक्षा: हनुमान जी का स्मरण भूत-प्रेत और नकारात्मक ऊर्जाओं से रक्षा करता है।
  1. सबसे पहले किसी पवित्र स्थान पर हनुमान जी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
  2. पूजा सामग्री एकत्रित करें: सिंदूर, लाल या पीले रंग के फूल, फूलों की माला, धूप, अगरबत्ती, घी का दीपक, कपूर, पवित्र जल (गंगाजल हो तो उत्तम), प्रसाद (बूंदी या बेसन के लड्डू), एक छोटी चौकी (पाटा) और लाल वस्त्र ।
  3. हनुमान जी को लाल या पीले फूल अर्पित करें। सिंदूर का चोला चढ़ाएं।
  4. घी का दीपक और धूप जलाएं।
  5. इसके बाद, सच्चे मन से आरती का पाठ करें।
  6. आरती के उपरांत हनुमान जी को प्रसाद चढ़ाएं।

नोट: हनुमान जी को लाल वस्त्र चढ़ाने से वे शीघ्र प्रसन्न होते हैं।

हनुमान आरती

॥ आरती श्री हनुमान जी॥

आरती कीजै हनुमान लला की।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥
आरती कीजै हनुमान लला की।।

जाके बल से गिरिवर कांपे।
रोग दोष जाके निकट न झांके॥
अंजनि पुत्र महा बलदाई।
संतन के प्रभु सदा सहाई॥
आरती कीजै हनुमान लला की।।

दे बीरा रघुनाथ पठाए।
लंका जारि सिया सुधि लाए॥
लंका सो कोट समुद्र-सी खाई।
जात पवनसुत बार न लाई॥
लंका जारि असुर संहारे।
सियारामजी के काज सवारे॥
आरती कीजै हनुमान लला की।।

लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे।
आनि संजीवन प्राण उबारे॥
पैठि पाताल तोरि जम-कारे।
अहिरावण की भुजा उखारे॥
बाएं भुजा असुरदल मारे।
दाहिने भुजा संतजन तारे॥
आरती कीजै हनुमान लला की।।

सुर नर मुनि आरती उतारें।
जय जय जय हनुमान उचारें॥
कंचन थार कपूर लौ छाई।
आरती करत अंजना माई॥
जो हनुमान जी की आरती गावे।
बसि बैकुण्ठ परम पद पावे॥
आरती कीजै हनुमान लला की।।

आरती कीजै हनुमान लला की।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥
आरती कीजै हनुमान लला की।।

रामायण के अनुसार, जब माता सीता का रावण द्वारा अपहरण कर लिया गया था, तब प्रभु राम ने हनुमान जी को उन्हें खोजने लंका भेजा। हनुमान जी विशाल रूप धारण कर समुद्र को पार कर लंका पहुंचे और सीता जी का पता लगाया।

उन्होंने सीता जी को भगवान राम का संदेश दिया। क्रोध में आकर उन्होंने लंका में आग लगा दी, और कई राक्षसों का वध किया। हनुमान जी की भक्ति और शक्ति से प्रसन्न होकर, रघुनाथ जी ने उन्हें अजर-अमर होने का आशीर्वाद दिया।

  • मानसिक शांति मिलती है।
  • बुरी शक्तियों और नकारात्मकता से रक्षा होती है।
  • हनुमान जी की कृपा से जीवन की बाधाएं दूर होती हैं।
  • भक्तों में आत्मविश्वास और साहस की वृद्धि होती है।
  • विद्यार्थियों के लिए हनुमान जी की पूजा विशेष लाभकारी मानी जाती है।

हनुमान जी की भक्ति लाखों-करोड़ों लोगों के जीवन को बदल देती है। आइए, ऐसे कुछ भक्तों के अनुभव आपके साथ साझा करते हैं:

  • असाध्य रोग से मुक्ति: राजेश जी को एक गंभीर बीमारी हो गई थी। डॉक्टरों ने भी जवाब दे दिया था। उन्होंने हनुमान जी की शरण ली और नियमित रूप से हनुमान आरती और हनुमान चालीसा का पाठ करने लगे। कुछ ही महीनों में, उनका रोग पूरी तरह ठीक हो गया।
  • जीवन में सफलता: प्रिया की नौकरी में बहुत परेशानियां थीं। हनुमान जी की पूजा और आरती करने से उसकी सभी परेशानियां दूर हो गईं और उसे नौकरी में तरक्की भी मिली।
  • मन की शांति: सुनील जी हमेशा बेचैन रहते थे। हनुमान आरती से उन्हें बहुत लाभ मिला और उनके मन को शांति मिली।
  • प्रश्न: हनुमान आरती करने का सबसे अच्छा समय क्या है?
  • उत्तर: हनुमान आरती के लिए सूर्योदय और सूर्यास्त का समय सबसे अच्छा माना जाता है। मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमान आरती विशेष फलदायी होती है।
  • प्रश्न: क्या हनुमान आरती घर पर की जा सकती है?
  • उत्तर: हां, बिल्कुल! हनुमान आरती आप घर पर भी कर सकते हैं। शुद्ध हृदय और सच्ची भक्ति सबसे महत्वपूर्ण है।
  • प्रश्न: आरती करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
  • उत्तर: आरती करते समय आपका मन पूर्ण रूप से हनुमान जी में समर्पित होना चाहिए। आरती के बोलों को स्पष्ट और भाव से कहें।
  • प्रश्न: क्या आरती में कोई विशेष प्रसाद चढ़ाया जाता है?
  • उत्तर: हनुमान जी को बूंदी के लड्डू विशेष रूप से पसंद हैं। आप बेसन के लड्डू या कोई भी अन्य शुद्ध सात्विक प्रसाद भी चढ़ा सकते हैं।

आखिर में…

दोस्तों, हनुमान जी की भक्ति में अपार शक्ति है। हनुमान आरती से न केवल हमारे संकट दूर होते हैं बल्कि हमारे भीतर साहस और आत्मविश्वास का भी विकास होता है। आइए, हम प्रभु राम से प्रार्थना करते हैं कि वे हमारे जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाएं।

मुझे आशा है कि यह ब्लॉग आपके लिए उपयोगी सिद्ध होगा। यदि आपके कोई और प्रश्न हैं तो कृपया टिप्पणी अनुभाग में साझा करें। जय बजरंग बली!


0 टिप्पणियाँ

प्रातिक्रिया दे

Avatar placeholder

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

hi_INहिन्दी