हनुमान आरती(Hanuman Aarti): अर्थ, महत्व, और लाभ

पर Shreya Dwivedi द्वारा प्रकाशित

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नमस्कार मित्रों! महाबली हनुमान जी, बुद्धि, बल और भक्ति के सागर, हिंदू धर्म में अनन्य स्थान रखते हैं। राम भक्त हनुमान को संकटमोचन के रूप में पूजा जाता है। हनुमान आरती मंगलकारी और शक्तिदायक है, इसे मंगलवार और शनिवार के दिन गाना विशेष फलदायी माना जाता है। आइए, हनुमान आरती के मर्म, भाव और विधि को समझें।

हनुमान आरती

॥ श्री हनुमंत स्तुति ॥
मनोजवं मारुत तुल्यवेगं,
जितेन्द्रियं, बुद्धिमतां वरिष्ठम् ॥
वातात्मजं वानरयुथ मुख्यं,
श्रीरामदुतं शरणम प्रपद्धे ॥

॥ आरती ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥

जाके बल से गिरवर काँपे ।
रोग-दोष जाके निकट न झाँके ॥
अंजनि पुत्र महा बलदाई ।
संतन के प्रभु सदा सहाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥

दे वीरा रघुनाथ पठाए ।
लंका जारि सिया सुधि लाये ॥
लंका सो कोट समुद्र सी खाई ।
जात पवनसुत बार न लाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥

लंका जारि असुर संहारे ।
सियाराम जी के काज सँवारे ॥
लक्ष्मण मुर्छित पड़े सकारे ।
लाये संजिवन प्राण उबारे ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥

पैठि पताल तोरि जमकारे ।
अहिरावण की भुजा उखारे ॥
बाईं भुजा असुर दल मारे ।
दाहिने भुजा संतजन तारे ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥

सुर-नर-मुनि जन आरती उतरें ।
जय जय जय हनुमान उचारें ॥
कंचन थार कपूर लौ छाई ।
आरती करत अंजना माई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥

जो हनुमानजी की आरती गावे ।
बसहिं बैकुंठ परम पद पावे ॥
लंक विध्वंस किये रघुराई ।
तुलसीदास स्वामी कीर्ति गाई ॥

आरती कीजै हनुमान लला की ।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥
॥ इति संपूर्णंम् ॥

आरती का अर्थ

  • शब्द का अर्थ: आरती शब्द “आरा” और “तिथि” शब्दों से मिलकर बना है। “आरा” का अर्थ है “पूजा” और “तिथि” का अर्थ है “दिन”।
  • धार्मिक अर्थ: धार्मिक रूप से, आरती देवता को दीपक दिखाकर पूजा करने का एक तरीका है। यह भक्ति, समर्पण और कृतज्ञता व्यक्त करने का प्रतीक है।

आरती का महत्व

  • आध्यात्मिक महत्व: आरती आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भक्तों को देवता के प्रति समर्पण और भक्ति भावना व्यक्त करने में मदद करती है।
  • धार्मिक महत्व: आरती धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह देवता को सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त करने का एक तरीका है।
  • सांस्कृतिक महत्व: आरती सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भारत की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं का एक हिस्सा है।

हनुमान आरती करने की विधि

  1. मंगलवार या शनिवार को सुबह स्नानादि कर लें।
  2. घर के मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
  3. शुद्ध घी का दीपक प्रज्वलित करें, धूप और अगरबत्ती जलाएं।
  4. हनुमान जी को पुष्प, सिंदूर, चावल (अक्षत) अर्पित करें।
  5. श्रद्धापूर्वक हनुमान आरती का गायन करें।
  6. आरती के बाद हनुमान चालीसा का पाठ करें।

आरती के लाभ

  • मन को शांत करती है: आरती की लौ और भक्ति गीत मन को शांत करते हैं और ध्यान केंद्रित करने में मदद करते हैं।
  • नकारात्मक विचारों को दूर करती है: आरती के दौरान जलाए गए दीपक और धूप नकारात्मक ऊर्जा और विचारों को दूर करते हैं।
  • भक्ति भावना को बढ़ाती है: आरती देवता के प्रति भक्ति और समर्पण भावना को बढ़ाती है।
  • आत्म-जागरूकता में वृद्धि: आरती आत्म-जागरूकता और आत्म-चिंतन को बढ़ावा देती है।
  • देवता का आशीर्वाद प्राप्त करने का तरीका: आरती देवता को सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त करने का एक तरीका है, और उनके आशीर्वाद प्राप्त करने का एक तरीका है।
  • पापों का नाश: आरती पापों को दूर करने और पुण्य प्राप्त करने में मदद करती है।
  • आध्यात्मिक उन्नति: आरती आध्यात्मिक उन्नति और मोक्ष प्राप्त करने में सहायक होती है।
  • लोगों को अपनी संस्कृति और परंपराओं से जोड़ता है: आरती भारत की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
  • सामाजिक बंधन मजबूत करता है: आरती एक सामाजिक अनुष्ठान है जो लोगों को एक साथ लाता है और सामाजिक बंधन को मजबूत करता है।
  • सकारात्मक वातावरण बनाता है: आरती का माहौल सकारात्मक और शांत होता है, जो लोगों को प्रेरित और उत्साहित करता है।
  • वातावरण को शुद्ध करता है: आरती के दौरान जलाए गए धूप और दीपक वातावरण को शुद्ध करते हैं और हवा को ताजा करते हैं।
  • तनाव कम करता है: आरती का शांत वातावरण और भक्ति गीत तनाव को कम करने और मन को शांत करने में मदद करते हैं।
  • एकाग्रता में सुधार: आरती एकाग्रता और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता में सुधार करती है।

भक्तों की कहानियां और उनका अनुभव

श्रीमती रीना शर्मा, एक गृहिणी हैं, जो हनुमान आरती के प्रति अटूट विश्वास रखती हैं। वे बताती हैं कि कैसे हनुमान आरती ने उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाए।

कहानी:

श्रीमती रीना शर्मा के जीवन में कई उतार-चढ़ाव आए। उनके पति का व्यवसाय डूब गया था, जिसके कारण परिवार आर्थिक संकट में आ गया था। इन सबके बीच श्रीमती रीना शर्मा ने हनुमान आरती करना शुरू किया। उन्होंने नियमित रूप से मंगलवार और शनिवार को हनुमान आरती गाई। कुछ ही महीनों में, उनके जीवन में धीरे-धीरे बदलाव आने लगे। उनके पति को नौकरी मिल गई और परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ।

अनुभव:

श्रीमती रीना शर्मा का कहना है कि हनुमान आरती ने उन्हें जीवन में आने वाली कठिनाइयों का सामना करने की शक्ति दी। हनुमान जी की भक्ति ने उन्हें सकारात्मक रहने और आशावादी दृष्टिकोण अपनाने में मदद की।

श्री अमित अग्रवाल, एक छात्र हैं, जो हनुमान आरती के प्रभाव से परिचित हैं। वे बताते हैं कि कैसे हनुमान आरती ने उन्हें अपनी परीक्षा में सफलता प्राप्त करने में मदद की।

कहानी:

श्री अमित अग्रवाल अपनी परीक्षा को लेकर काफी चिंतित थे। उन्होंने परीक्षा की तैयारी तो अच्छी की थी, लेकिन उन्हें आत्मविश्वास की कमी थी। परीक्षा से पहले उन्होंने हनुमान आरती करना शुरू किया। उन्होंने नियमित रूप से परीक्षा से पहले हनुमान आरती गाई। परीक्षा में उन्हें अच्छे अंक प्राप्त हुए और वे सफलतापूर्वक उत्तीर्ण हुए।

अनुभव:

श्री अमित अग्रवाल का कहना है कि हनुमान आरती ने उन्हें आत्मविश्वास और एकाग्रता प्रदान की। हनुमान जी की भक्ति ने उन्हें परीक्षा में सफलता प्राप्त करने में मदद की।

श्री राजेश कुमार, एक व्यवसायी हैं, जो हनुमान आरती के चमत्कारों में विश्वास करते हैं। वे बताते हैं कि कैसे हनुमान आरती ने उनके व्यवसाय में सफलता और समृद्धि प्रदान की।

कहानी:

श्री राजेश कुमार का व्यवसाय घाटे में चल रहा था। उन्होंने कई उपाय किए, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। उन्होंने हनुमान आरती करना शुरू किया। उन्होंने नियमित रूप से अपने व्यवसायिक स्थल पर हनुमान आरती गाई। कुछ ही महीनों में उनके व्यवसाय में धीरे-धीरे सुधार हुआ। उन्हें ग्राहकों का अच्छा रिस्पॉन्स मिला और उनकी आय में वृद्धि हुई।

अनुभव:

श्री राजेश कुमार का कहना है कि हनुमान आरती ने उनके व्यवसाय में नई ऊर्जा और सकारात्मकता प्रदान की। हनुमान जी की भक्ति ने उन्हें कठिन परिस्थितियों में भी आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।

निष्कर्ष:

दोस्तों, हनुमान जी की आरती केवल भक्ति-भाव का प्रदर्शन नहीं है, बल्कि यह जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना करने की शक्ति और प्रेरणा का स्रोत है। इसके शब्दों में साहस, बल, और भक्ति समाए हुए हैं। मंगलवार और शनिवार विशेष रूप से हनुमान पूजा के लिए समर्पित हैं, लेकिन आप इसे अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी दिन गा सकते हैं।

यदि आप हनुमान जी के असीम आशीर्वाद पाना चाहते हैं, तो सच्चे मन से हनुमान जी की आरती गाइए! नियमित रूप से आरती करना आपके जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि लाएगा। जय श्री राम! जय बजरंगबली!

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

अर्थ:

हनुमान आरती भक्ति, समर्पण और कृतज्ञता व्यक्त करने का एक तरीका है। यह आरती हनुमान जी के असीम बल, साहस, और भक्ति का स्मरण कराती है।

महत्व:

  • शक्ति का प्रतीक: हनुमान आरती भक्तों के हृदय में शक्ति, साहस, और आत्मविश्वास भर देती है।
  • भक्ति का मार्ग: आरती के शब्दों में रामभक्त हनुमान जी के प्रति अटूट श्रद्धा झलकती है।
  • संकटों से मुक्ति: हनुमानजी अपने भक्तों की रक्षा करते हैं, उन्हें संकटों से बचाते हैं।
  • मनोकामनाओं की पूर्ति: सच्चे मन से हनुमान जी की आरती करने पर भक्तों को मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।
  • मंगलवार: हनुमान जी का प्रिय दिन
  • शनिवार: बजरंगबली का दिन
  • पूर्णिमा: भक्ति और आध्यात्मिक उन्नति के लिए शुभ दिन
  • अमावस्या: पितृ दोषों से मुक्ति के लिए शुभ दिन
  • हनुमान गायत्री मंत्र: ॐ देवानां च ऋषीणां च गुरवे नम:
  • हनुमान बीज मंत्र: ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः
  • हनुमान रक्षा मंत्र: ॐ नमो हनुमते नमः

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