हनुमान जी की आरती: शक्ति, भक्ति और आशीर्वाद का मार्ग
परिचय
नमस्कार मित्रों! आज हम बात करेंगे बल, भक्ति और साहस के प्रतीक, पवनपुत्र, श्री हनुमान जी की। हनुमान जी हिंदू धर्म में सर्वाधिक पूजनीय देवताओं में से एक हैं, जो अपनी असाधारण शक्ति, श्री राम के प्रति अनन्य भक्ति और निस्वार्थ सेवा के लिए जाने जाते हैं। उनकी शक्ति और आशीर्वाद पाने के लिए भक्तजन हनुमान जी की आरती गाते हैं।
इस लेख में, हम भारत के एक अद्भुत और प्रसिद्ध मंदिर – त्रिमूर्तिधाम से प्राप्त श्री हनुमान जी की आरती पर विशेष रूप से ध्यान देंगे। तो, आइए इस भक्ति यात्रा को शुरू करें!
त्रिमूर्तिधाम की हनुमान जी की आरती
जय हनुमत बाबा,
जयजय हनुमत बाबा ।
रामदूत बलवन्ता,
रामदूत बलवन्ता,
सब जन मन भावा ।
जय जय हनुमत बाबा ।
अंजनी गर्भ सम्भूता,
पवन वेगधारी,
बाबा पवन वेगधारी ।
लंकिनी गर्व निहन्ता,
लंकिनी गर्व निहन्ता,
अनुपम बलधारी ।
जयजय हनुमत बाबा ।
बालापन में बाबा अचरज बहु कीन्हों,
बाबा अचरज बहु कीन्हों ।
रवि को मुख में धारयो,
रवि को मुख में धारयो,
राहू त्रास दीन्हों ।
जय जय हनुमत बाबा ।
सीता की सुधि लाये,
लंका दहन कियो,
बाबा लंका दहन कियो ।
बाग अशोक उजारि,
बाग अशोक उजारि,
अक्षय मार दियो ।
जयजय हनुमत बाबा ।
द्रोण सो गिरि उपारयो,
लखन को प्राण दियो,
बाबा लखन को प्राण दियो ।
अहिरावण संहारा,
अहिरावण संहारा,
सब जन तार दियो ।
जय जय हनुमत बाबा ।
संकट हरण कृपामय,
दयामय सुखकारी,
बाबा दयामय सुखकारी ।
सर्व सुखन के दाता,
सर्व सुखन के दाता,
जय जय केहरि हरि ।
जयजय हनुमत बाबा ।
सब द्वारों से लौटा तेरी शरण परयो,
बाबा तेरी शरण परयो ।
संकट मेरा मिटाओ,
संकट मेरा मिटाओ,
विघ्न सकल हरयो ।
जय जय हनुमत बाबा ।
भक्ति भाव से बाबा, मन मेरा सिक्त रहे,
बाबा मन मेरा सिक्त रहे ।
एक हो शरण तिहारी,
एक हो शरण तिहारी,
विषयन में न चित रहे ।
जयजय हनुमत बाबा ।
जय हनुमत बाबा,
जयजय हनुमत बाबा ।
रामदूत बलवन्ता,
रामदूत बलवन्ता,
सब जन मन भावा ।
जयजय हनुमत बाबा ।
दोहा
पवन तनय संकट हरन,
मंगल मूरति रूप ।
राम लखन सीता सहित,
ह्रदय बसेहुँ सुर भूप ॥
त्रिमूर्तिधाम में हनुमान जी की आरती का महत्व
आरती एक हिंदू अनुष्ठान है जिसमें देवी-देवताओं के सामने दीये जलाकर उनकी स्तुति की जाती है। ऐसा माना जाता है कि हनुमान जी की आरती विशेष रूप से शक्तिशाली होती है। यह भक्तों के जीवन में कई सकारात्मक बदलाव ला सकती है।
- शक्ति का स्त्रोत: हनुमान जी की आरती का जाप करने से भक्तों के भीतर साहस, शक्ति और दृढ़ संकल्प की भावना आती है।
- नकारात्मकता का विनाश: ऐसा माना जाता है कि आरती से पैदा होने वाली सकारात्मक ऊर्जा नकारात्मक शक्तियों और बुराइयों को दूर करने में मदद करती है।
- भक्ति का प्रतीक: हनुमान जी की आरती को उनकी सच्ची भक्ति का प्रतीक माना जाता है, जो बदले में भक्तों का श्री हनुमान और भगवान राम से संबंध मजबूत करती है।
- मन की शांति: आरती की सुमधुर धुन और शब्दों पर ध्यान लगाने से मन को शांति मिलती है।
(पूजन सामग्री और विधि – आगे पढ़िए)
श्री हनुमान जी की आरती करने की पूजा विधि
आरती करना आसान है लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है जिनमें शामिल हैं:
- शुद्ध हृदय: शुद्ध हृदय और सच्ची भक्ति के साथ आरती करें।
- पूजन सामग्री: अगरबत्ती, घी का दीया, फूल, चंदन, सिंदूर और प्रसाद (मिठाई) जैसी पूजन सामग्री इकट्ठा करें।
- शुद्धता: आरती शुरू करने से पहले स्नान करके साफ कपड़े पहनें।
- मानसिक एकाग्रता: आरती करते समय हनुमान जी की छवि पर अपना ध्यान केंद्रित करें
- प्रसाद: आरती पूरी करने के बाद, आरती की थाली को हनुमान जी की मूर्ति के सामने रखकर प्रसाद अर्पित करें।
हनुमान जी की पूजा के लिए आवश्यक सामग्री
- हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर
- घी का दीया
- अगरबत्ती या धूप
- सिंदूर
- फूल (विशेषकर लाल गुलाब या गेंदे का फूल)
- प्रसाद (मिठाई या फल)
- शुद्ध जल
- पवित्र कपड़ा या चन्दन
- (अपनी सुविधा के अनुसार अन्य वस्तुएं भी जोड़ सकते हैं)
कथा
आरती या हनुमान चालीसा का जाप करते समय, हनुमान जी से जुड़ी पौराणिक कथाओं के बारे में भी सोचें। रामायण से जुड़े इन कथाओं का स्मरण भक्तों के हृदय में भक्ति की भावना को और प्रबल करता है। हनुमान जी से जुड़ी कुछ सबसे लोकप्रिय कथाओं में ये शामिल हैं:
- लंका दहन: जब सीता जी का राक्षस राजा रावण ने अपहरण किया, तब हनुमान जी ने अपनी पूंछ में आग लगाकर पूरी लंका जला दी थी।
- संजीवनी बूटी: यह कथा दर्शाती है कि कैसे हनुमान जी लक्ष्मण जी के प्राण बचाने के लिए संजीवनी बूटी लेने के लिए पूरा पर्वत उठाकर ले आए थे।
- राम-रावण युद्ध में हनुमान जी की भूमिका: हनुमान जी ने भगवान राम के लिए रावण की सेना से लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
भक्तों के अनुभव – हनुमान जी की असीम कृपा
त्रिमूर्तिधाम इस बात का साक्षी है कि हनुमान जी का आशीर्वाद पाने के बाद कई भक्तों के जीवन में चमत्कार हुए हैं। इन भक्तों की कहानियाँ विश्वास और भक्ति की शक्ति का प्रमाण हैं। इन कहानियों को सुनने से और भी लोगों को इस मंदिर में आने और हनुमान जी का आशीर्वाद लेने के लिए प्रेरणा मिलती है।
त्रिमूर्तिधाम – जाने से पहले ध्यान रखने योग्य बातें
यदि आप त्रिमूर्तिधाम जाने की योजना बना रहे हैं, तो यहां कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए:
- यात्रा का सर्वोत्तम समय: त्रिमूर्तिधाम जाने का साल का सबसे अच्छा समय मार्च से जून और सितंबर से नवंबर के महीनों के दौरान होता है क्योंकि मौसम सुहावना रहता है।
- उपयुक्त वस्त्र: मंदिर में प्रवेश करते समय शालीन कपड़े पहनें।
- सम्मान: मंदिर की पवित्रता बनाए रखें और अन्य भक्तों से आदर से पेश आएं।
- फ़ोटोग्राफ़ी: फ़ोटोग्राफ़ी की अनुमति है या नहीं, इस बारे में मंदिर प्रशासन से जाँच कर लें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
- क्या हनुमान जी की आरती नियमित रूप से करनी चाहिए? हां, हनुमान जी की आरती, यदि संभव हो तो नियमित रूप से करनी चाहिए। विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमान जी की पूजा करना शुभ माना जाता है।
- क्या हनुमान जी की आरती घर पर कर सकते हैं? हां, आप घर पर हनुमान जी की आरती कर सकते हैं। एक छोटा सा पूजा स्थल बनाएं और उचित विधि के साथ हनुमान जी की आरती करें।
- हनुमान जी की आरती करने के क्या लाभ हैं? माना जाता है कि हनुमान जी की आरती करने से कई लाभ होते हैं, जैसे – भय और नकारात्मकता का विनाश, शक्ति और साहस में वृद्धि, आंतरिक शांति में सुधार और भक्ति भाव की वृद्धि।
- क्या मैं ऑनलाइन हनुमान जी की आरती देख सकता हूँ? हां, आप कई वेबसाइटों और यूट्यूब चैनलों पर त्रिमूर्तिधाम की हनुमान जी की आरती ऑनलाइन देख सकते हैं।
निष्कर्ष
मैं आशा करता हूँ, प्यारे पाठकों, कि त्रिमूर्तिधाम में की जाने वाली हनुमान जी की आरती पर यह ब्लॉग आपको उपयोगी लगा होगा। हनुमान जी शक्ति, साहस और भक्ति के अद्भुत देवता हैं। उनकी आरती के शब्द हमें हृदय में साहस और आशा जगाते हैं। यदि आपको कभी मौका मिले तो इस पवित्र स्थल, त्रिमूर्तिधाम की यात्रा अवश्य करें और हनुमान जी के शक्तिशाली आशीर्वाद का अनुभव करें।
जय बजरंगबली! 🙏🙏
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