नृसिंह आरती: अर्थ, महत्व, और भक्ति की शक्ति
परिचय
नरसिंह भगवान, भगवान विष्णु के उग्र अवतार, उनकी शक्ति और भक्तों के प्रति अटूट कृपा का प्रतीक हैं। उनकी कथा धार्मिकता और अन्याय पर अच्छाई की जीत को दर्शाती है। नृसिंह जयंती के पावन अवसर पर, आइए नृसिंह भगवान की आरती में तल्लीन हो जाएं और उनसे अपार आशीर्वाद प्राप्त करें।
नृसिंह भगवान आरती
ॐ जय नरसिंह हरे,
प्रभु जय नरसिंह हरे ।
स्तंभ फाड़ प्रभु प्रकटे,
स्तंभ फाड़ प्रभु प्रकटे,
जनका ताप हरे ॥
ॐ जय नरसिंह हरे ॥
तुम हो दिन दयाला,
भक्तन हितकारी,
प्रभु भक्तन हितकारी ।
अद्भुत रूप बनाकर,
अद्भुत रूप बनाकर,
प्रकटे भय हारी ॥
ॐ जय नरसिंह हरे ॥
सबके ह्रदय विदारण,
दुस्यु जियो मारी,
प्रभु दुस्यु जियो मारी ।
दास जान आपनायो,
दास जान आपनायो,
जनपर कृपा करी ॥
ॐ जय नरसिंह हरे ॥
ब्रह्मा करत आरती,
माला पहिनावे,
प्रभु माला पहिनावे ।
शिवजी जय जय कहकर,
पुष्पन बरसावे ॥
ॐ जय नरसिंह हरे ॥
आरती का महत्व
नृसिंह भगवान की आरती केवल स्तुति नहीं है। माना जाता है कि इसे सच्चे मन से करने से भक्तों को अत्यंत लाभ मिलता है, जिनमें शामिल हैं:
- सुरक्षा और शक्ति: नरसिंह भगवान बुरी ताकतों, नकारात्मकता, और भय से रक्षा करते हैं।
- अंतर्द्वंद का अंत: आरती में प्रह्लाद की भक्ति का जिक्र भक्तों को दृढ़ विश्वास की प्रेरणा देता है।
- इच्छाओं की पूर्ति: सच्चे मन से आरती करने से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
- भगवान विष्णु की कृपा: नरसिंह, विष्णु भगवान का अवतार हैं, उनकी आरती से भगवान विष्णु का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त होता है।
आरती के लाभ
नृसिंह भगवान की आरती अपने आप में एक पूर्ण साधना है। इसके अनेक लाभ हैं:
- नकारात्मक शक्तियों से रक्षा: नृसिंह भगवान का उग्र रूप नकारात्मकता को दूर भगाता है।
- अंतर्द्वंद का अंत आरती से मन में आत्मविश्वास और भक्ति का भाव बढ़ता है।
- बाधाएं दूर होना: नृसिंह भगवान के आशीर्वाद से जीवन के मार्ग में आने वाली बाधाओं का नाश होता है।
- मनोकामनाओं की पूर्ति: सच्चे हृदय से की गई आरती और प्रार्थनाएं मनोकामनाएं पूरी करने में सहायक होती हैं।
पूजा विधि
नृसिंह भगवान की आरती विशेष रूप से नरसिंह जयंती पर की जाती है। लेकिन इसे आप कभी भी कर सकते हैं।
- स्नान करके साफ़ कपड़े पहनें।
- भगवान नृसिंह की प्रतिमा या तस्वीर एक चौकी पर रखें।
- धीप, अगरबत्ती जलाएं, उन्हें फल, फूल अर्पित करें।
- पूरे भाव से नृसिंह भगवान की आरती गाएं।
- आरती समाप्त होने पर प्रसाद वितरित करें।
पूजन सामग्री
नृसिंह भगवान की पूजा और आरती के लिए कुछ आवश्यक सामग्री में शामिल हैं:
- भगवान नृसिंह की प्रतिमा या तस्वीर
- दीपक (तेल या घी)
- अगरबत्तियां
- फूल(विशेष रूप से लाल या पीले रंग के फूल)
- फल
- पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और शक्कर का मिश्रण)
- गंगाजल
- चंदन का लेप (पेस्ट )
- तुलसी के पत्ते
नृसिंह भगवान मन्त्र
आरती के साथ-साथ कुछ शक्तिशाली नृसिंह मंत्र भी बहुत असरदार माने जाते हैं:
- नृसिंह गायत्री मंत्र: ॐ उग्रविराय विद्महे महाज्वालाय धीमहि। तन्नो नरसिंहः प्रचोदयात्।।
- नृसिंह महामंत्र: ॐ ह्रीं क्ष्रौं नृसिंहाय वज्र नखाय स्वाहा।।
नृसिंह भगवान की कथा
भगवान से जुड़ी कथा भक्ति और ईश्वर की अपार शक्ति का अद्भुत उदाहरण है। कथा का सारांश इस प्रकार है:
- हिरण्यकशिपु, अपनी तपस्या से मिले अमरता-जैसे वरदान के घमंड में चूर, पूरे संसार पर अपना अधिकार कर लेता है।
- अपने पुत्र प्रह्लाद की विष्णु भक्ति से क्रोधित हो, हिरण्यकश्यप बालक प्रह्लाद को अनेकों कष्ट देते हुए भगवान विष्णु की पूजा छोड़ने का प्रयास करता है।
- परंतु प्रह्लाद अडिग हैं। उनकी भक्ति को देख स्वयं भगवान नृसिंह अवतार में स्तंभ से प्रकट होते हैं और हिरण्यकश्यप का अंत करते हैं।
नृसिंह भगवान आरती से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
- नृसिंह भगवान की आरती का सबसे अच्छा समय क्या है? नरसिंह जयंती पर आरती करना सर्वोत्तम माना जाता है। परंतु इसे किसी भी शुभ समय और दिन में किया जा सकता है। संध्या काल में आरती करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।
- आरती के दौरान कितनी परिक्रमा करनी चाहिए? आरती के दौरान कम से कम तीन परिक्रमा करने का विधान है।
- आरती के बाद क्या करना चाहिए? आरती के बाद, भगवान नृसिंह को प्रणाम करें और उनकी कृपा की प्रार्थना करें।
भक्तों के अनुभव – नृसिंह भगवान की कृपा
अनेक भक्तों ने नृसिंह भगवान की आरती और उनकी पूजा से जीवन में असाधारण लाभों का अनुभव किया है। कुछ उदाहरण हैं:
- एक भक्त ने गंभीर बीमारी के समय नृसिंह मंत्रों का जाप किया और उन्हें अपनी रक्षा का आभास हुआ।
- एक अन्य भक्त ने आरती की शक्ति से जीवन की कठिन चुनौतियों को पार करने का साहस पाया।
निष्कर्ष
नृसिंह भगवान की आरती भक्तों के लिए बुराई पर अच्छाई की जीत और उनकी अपार भक्ति का उत्सव है। नृसिंह भगवान की शरण में आकर, हम भी उनके समान अडिग विश्वास और आंतरिक शक्ति प्राप्त कर सकते हैं। क्या आप भी आरती से इन लाभों को प्राप्त करने के लिए तैयार हैं?
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