नर्मदा आरती(Narmada Aarti):अर्थ, महत्व, और लाभ

पर Shreya Dwivedi द्वारा प्रकाशित

नर्मदा आरती(Narmada Aarti):अर्थ, महत्व, और लाभ

नर्मदा नदी, भारत की सात पवित्र नदियों में से एक, सदियों से भक्तों के लिए आस्था का केंद्र रही है। नर्मदा के तट पर स्थित ओंकारेश्वर, महेश्वर, होशंगाबाद जैसे अनेक धार्मिक स्थल, मंदिर, और घाट दर्शनार्थियों को आकर्षित करते हैं। इनमें से नर्मदा आरती एक विशेष अनुष्ठान है जो नर्मदा माता के प्रति श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है।

नर्मदा आरती

ॐ जय जगदानन्दी,
मैया जय आनंद कन्दी ।
ब्रह्मा हरिहर शंकर, रेवा
शिव हर‍ि शंकर, रुद्रौ पालन्ती ॥
॥ ॐ जय जगदानन्दी..॥

देवी नारद सारद तुम वरदायक,
अभिनव पदण्डी ।
सुर नर मुनि जन सेवत,
सुर नर मुनि…
शारद पदवाचन्ती ।
॥ ॐ जय जगदानन्दी..॥

देवी धूमक वाहन राजत,
वीणा वाद्यन्ती।
झुमकत-झुमकत-झुमकत,
झननन झमकत रमती राजन्ती ।
॥ ॐ जय जगदानन्दी..॥

देवी बाजत ताल मृदंगा,
सुर मण्डल रमती ।
तोड़ीतान-तोड़ीतान-तोड़ीतान,
तुरड़ड़ रमती सुरवन्ती ।
॥ ॐ जय जगदानन्दी..॥

देवी सकल भुवन पर आप विराजत,
निशदिन आनन्दी ।
गावत गंगा शंकर, सेवत रेवा
शंकर तुम भट मेटन्ती ।
॥ ॐ जय जगदानन्दी…॥

मैयाजी को कंचन थार विराजत,
अगर कपूर बाती ।
अमर कंठ में विराजत,
घाटन घाट बिराजत,
कोटि रतन ज्योति ।
॥ ॐ जय जगदानन्दी..॥

मैयाजी की आरती,
निशदिन पढ़ गा‍वरि,
हो रेवा जुग-जुग नरगावे,
भजत शिवानन्द स्वामी
जपत हर‍ि नंद स्वामी मनवांछित पावे।

ॐ जय जगदानन्दी,
मैया जय आनंद कन्दी ।
ब्रह्मा हरिहर शंकर, रेवा
शिव हर‍ि शंकर, रुद्रौ पालन्ती ॥

  • मातृशक्ति का प्रतीक: नर्मदा नदी को माँ के रूप में माना जाता है, जो पोषण और जीवन प्रदान करती है। नर्मदा आरती हमारी सृष्टि और संरक्षण करने वाली दिव्य शक्ति के प्रति सम्मान प्रदर्शित करती है।
  • प्रकृति का सम्मान: नदियाँ हिंदू धर्म में पवित्र हैं, और नर्मदा आरती प्रकृति से जुड़ने, इसके उपचार गुणों के लिए आभार व्यक्त करने का एक अनुष्ठान है।
  • आंतरिक प्रकाश का प्रतीक: आरती में उपयोग किए जाने वाले दीपक हमारे भीतर के प्रकाश का प्रतिनिधित्व करते हैं, हमारी आत्मा का प्रकाश। अनुष्ठान हमारे आंतरिक प्रकाश का पोषण और हमारे जीवन से अंधकार को दूर करने जैसा काम करता है।
  • ज्ञान और भक्ति: नर्मदा नदी से जुड़े कई प्राचीन शास्त्र हैं। इस आरती में ऐसे ग्रंथो का जप ज्ञान और भक्ति मार्ग के प्रति समर्पण को दर्शाता है।
  • पापों का नाश: नर्मदा आरती में भाग लेने से व्यक्ति के पापों का नाश होता है और उसे मोक्ष प्राप्त होता है।
  • सुख-समृद्धि: नर्मदा माता की कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और शांति आती है।
  • आध्यात्मिक उन्नति: नर्मदा आरती आत्मा को शुद्ध करती है और आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होती है।
  • नर्मदा नदी के घाट पर दीप जलाए जाते हैं।
  • नर्मदा माता की आरती मंत्रों का उच्चारण करते हुए की जाती है।
  • भक्त नर्मदा माता को फूल, फल, मिठाई और अन्य भेंट चढ़ाते हैं।
  • आरती के बाद प्रसाद वितरित किया जाता है।
  • दीप: आरती का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा दीप है। यह नर्मदा देवी के प्रकाश का प्रतीक है।
  • दीपक: दीप जलाने के लिए दीपक का उपयोग किया जाता है।
  • फूल: फूल नर्मदा देवी को अर्पित किए जाते हैं।
  • अगरबत्ती: अगरबत्ती का उपयोग वातावरण को सुगंधित करने और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए किया जाता है।
  • नर्मदा जल: नर्मदा नदी का जल आरती के लिए आवश्यक है।
  • चंदन: चंदन का उपयोग नर्मदा देवी को तिलक लगाने के लिए किया जाता है।
  • फल: फल नर्मदा देवी को अर्पित किए जाते हैं।
  • मिठाई: मिठाई नर्मदा देवी को भोग के रूप में अर्पित की जाती है।
  • पान: पान नर्मदा देवी को अर्पित किया जाता है।
  • सुगंधित जल: सुगंधित जल नर्मदा देवी को स्नान कराने के लिए उपयोग किया जाता है।
  • आरती थाली: आरती थाली में दीप, दीपक, फूल, अगरबत्ती, नर्मदा जल, चंदन, फल, मिठाई, पान, और सुगंधित जल रखा जाता है।

नर्मदा आरती एक अत्यंत फलदायी अनुष्ठान है जो न केवल आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होता है, बल्कि जीवन में अनेक लाभ भी प्रदान करता है। नर्मदा आरती के कुछ प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं:

नर्मदा को एक पवित्र नदी माना जाता है, और नर्मदा आरती में भाग लेने से व्यक्ति के पापों का नाश होता है और उसे मोक्ष प्राप्त होता है।

नर्मदा माता की कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और शांति आती है। नर्मदा आरती में भाग लेने से नर्मदा माता की कृपा प्राप्त होती है।

नर्मदा आरती आत्मा को शुद्ध करती है और आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होती है। नर्मदा आरती में भाग लेने से मन को शांति मिलती है और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है।

नर्मदा माता भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करती हैं। नर्मदा आरती में भाग लेने से मनोकामना पूर्ति की संभावना बढ़ जाती है।

नर्मदा आरती के अनेक अन्य लाभ भी हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • एकाग्रता और ध्यान में वृद्धि: नर्मदा आरती में भाग लेने से एकाग्रता और ध्यान में वृद्धि होती है।
  • नकारात्मक ऊर्जा से बचाव: नर्मदा आरती नकारात्मक ऊर्जा से बचाव करती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है।
  • मानसिक स्वास्थ्य में सुधार: नर्मदा आरती मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करती है और तनाव कम करती है।

नर्मदा आरती में भाग लेने वाले अनेक भक्तों के अनुभव अद्भुत हैं। कुछ भक्तों को नर्मदा माता के दर्शन हुए हैं, कुछ को स्वास्थ्य लाभ मिला है, और कुछ की मनोकामनाएं पूरी हुई हैं।

“मैं पिछले कई वर्षों से नर्मदा आरती में भाग ले रहा हूं। नर्मदा आरती में भाग लेने से मुझे मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त हुई है। नर्मदा माता की कृपा से मेरी सभी मनोकामनाएं भी पूरी हुई हैं।”

“मैं नर्मदा माता की बहुत बड़ी भक्त हूं। मैं नियमित रूप से नर्मदा आरती में भाग लेती हूं। नर्मदा आरती में भाग लेने से मुझे स्वास्थ्य लाभ मिला है। नर्मदा माता ने मुझे एक नया जीवन दिया है।”

“मैं कुछ समय पहले नर्मदा नदी के दर्शन करने गया था। वहां मैंने नर्मदा आरती में भाग लिया। नर्मदा आरती में भाग लेने से मुझे अद्भुत अनुभव हुआ। मुझे ऐसा लगा जैसे मैं किसी दिव्य दुनिया में आ गया हूं।”

“मैं नर्मदा माता की बहुत बड़ी भक्त हूं। मैं कई सालों से नर्मदा आरती में भाग ले रही हूं। नर्मदा आरती में भाग लेने से मुझे जीवन में सुख-समृद्धि और शांति प्राप्त हुई है।”

“मैं नर्मदा नदी के किनारे रहता हूं। मैं प्रतिदिन नर्मदा आरती में भाग लेता हूं। नर्मदा आरती में भाग लेने से मुझे आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त हुई है। नर्मदा माता ने मुझे जीवन का सही मार्ग दिखाया है।”

नर्मदा नदी की जीवंतता और नर्मदा आरती का दिव्य अनुभव सचमुच हृदयस्पर्शी है। यदि आप आध्यात्मिक शांति की तलाश में हैं या अपनी आत्मा को सांसारिक चिंताओं से मुक्त करना चाहते हैं, तो नर्मदा नदी की यात्रा करें और नर्मदा आरती के उत्सव में शामिल हों। यह पवित्र अनुष्ठान आपके विश्वास को मजबूत करेगा, आपके दिल को खुशी से भर देगा, और आपके जीवन में समृद्धि और सौभाग्य का आह्वान करेगा।

नर्मदा आरती प्रतिदिन शाम को सूर्यास्त के बाद होती है।

नर्मदा आरती में दीप, फूल, फल, मिठाई, और अगरबत्ती की आवश्यकता होती है।

नर्मदा नदी के सभी घाटों पर नर्मदा आरती होती है। कुछ प्रसिद्ध स्थानों में ओंकारेश्वर, महेश्वर, होशंगाबाद, और अमरकंटक शामिल हैं।


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