नवग्रह चालीसा: शक्तिशाली स्त्रोत, लाभ, पाठ विधि, और महत्व

पर purva gudekar द्वारा प्रकाशित

Navgrah Chalisa)

परिचय

नमस्कार दोस्तों! क्या आप अपने जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना कर रहे हैं? क्या लगता है जैसे भाग्य साथ नहीं दे रहा? यदि हां, तो ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इसका कारण नवग्रहों की प्रतिकूल स्थिति हो सकती है। आइए आज ‘नवग्रह चालीसा’ के बारे में जानें – एक शक्तिशाली प्रार्थना जो ग्रह दोषों को शांत कर सकती है और आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकती है।

नवग्रह कौन हैं?

हिंदू ज्योतिष में, नवग्रह नौ आकाशीय पिंड हैं जो हमारे जीवन को अत्यधिक प्रभावित करते हैं। ये ग्रह हैं:

  • सूर्य (Sun): आत्मा, स्वास्थ्य और सरकारी क्षेत्रों से जुड़ा हुआ.
  • चंद्र (Moon): मन, भावनाएं, मां का कारक ग्रह.
  • मंगल (Mars): ऊर्जा, साहस, भाई-बहन को दर्शाता है.
  • बुध (Mercury): बुद्धि, संचार, व्यापार का प्रतिनिधित्व.
  • गुरु (Jupiter): ज्ञान, भाग्य, शिक्षा, बच्चों का कारक ग्रह.
  • शुक्र (Venus): प्रेम, विवाह, भौतिक सुखों से संबंधित.
  • शनि (Saturn): दीर्घायु, न्याय, कर्मों का कारक ग्रह.
  • राहु (North Node of Moon): भौतिक इच्छाएं, अचानक बदलाव।
  • केतु (South Node of Moon): मोक्ष, आध्यात्मिकता, अलगाव.

नवग्रह चालीसा

॥ दोहा ॥

श्री गणपति गुरुपद कमल,
प्रेम सहित सिरनाय ।
नवग्रह चालीसा कहत,
शारद होत सहाय ॥

जय जय रवि शशि सोम बुध,
जय गुरु भृगु शनि राज।
जयति राहु अरु केतु ग्रह,
करहुं अनुग्रह आज ॥

॥ चौपाई ॥
॥ श्री सूर्य स्तुति ॥

प्रथमहि रवि कहं नावौं माथा,
करहुं कृपा जनि जानि अनाथा ।
हे आदित्य दिवाकर भानू,
मैं मति मन्द महा अज्ञानू ।
अब निज जन कहं हरहु कलेषा,
दिनकर द्वादश रूप दिनेशा ।
नमो भास्कर सूर्य प्रभाकर,
अर्क मित्र अघ मोघ क्षमाकर ।

॥ श्री चन्द्र स्तुति ॥

शशि मयंक रजनीपति स्वामी,
चन्द्र कलानिधि नमो नमामि ।
राकापति हिमांशु राकेशा,
प्रणवत जन तन हरहुं कलेशा ।
सोम इन्दु विधु शान्ति सुधाकर,
शीत रश्मि औषधि निशाकर ।
तुम्हीं शोभित सुन्दर भाल महेशा,
शरण शरण जन हरहुं कलेशा ।

॥ श्री मंगल स्तुति ॥

जय जय जय मंगल सुखदाता,
लोहित भौमादिक विख्याता ।
अंगारक कुज रुज ऋणहारी,
करहुं दया यही विनय हमारी ।
हे महिसुत छितिसुत सुखराशी,
लोहितांग जय जन अघनाशी ।
अगम अमंगल अब हर लीजै,
सकल मनोरथ पूरण कीजै ।

॥ श्री बुध स्तुति ॥

जय शशि नन्दन बुध महाराजा,
करहु सकल जन कहं शुभ काजा ।
दीजै बुद्धि बल सुमति सुजाना,
कठिन कष्ट हरि करि कल्याणा ।
हे तारासुत रोहिणी नन्दन,
चन्द्रसुवन दुख द्वन्द्व निकन्दन ।
पूजहिं आस दास कहुं स्वामी,
प्रणत पाल प्रभु नमो नमामी ।

॥ श्री बृहस्पति स्तुति ॥

जयति जयति जय श्री गुरुदेवा,
करूं सदा तुम्हरी प्रभु सेवा ।
देवाचार्य तुम देव गुरु ज्ञानी,
इन्द्र पुरोहित विद्यादानी ।
वाचस्पति बागीश उदारा,
जीव बृहस्पति नाम तुम्हारा ।
विद्या सिन्धु अंगिरा नामा,
करहुं सकल विधि पूरण कामा ।

॥ श्री शुक्र स्तुति ॥

शुक्र देव पद तल जल जाता,
दास निरन्तन ध्यान लगाता ।
हे उशना भार्गव भृगु नन्दन,
दैत्य पुरोहित दुष्ट निकन्दन ।
भृगुकुल भूषण दूषण हारी,
हरहुं नेष्ट ग्रह करहुं सुखारी ।
तुहि द्विजबर जोशी सिरताजा,
नर शरीर के तुमही राजा ।

॥ श्री शनि स्तुति ॥

जय श्री शनिदेव रवि नन्दन,
जय कृष्णो सौरी जगवन्दन ।
पिंगल मन्द रौद्र यम नामा,
वप्र आदि कोणस्थ ललामा ।
वक्र दृष्टि पिप्पल तन साजा,
क्षण महं करत रंक क्षण राजा ।
ललत स्वर्ण पद करत निहाला,
हरहुं विपत्ति छाया के लाला ।

॥ श्री राहु स्तुति ॥

जय जय राहु गगन प्रविसइया,
तुमही चन्द्र आदित्य ग्रसइया ।
रवि शशि अरि स्वर्भानु धारा,
शिखी आदि बहु नाम तुम्हारा ।
सैहिंकेय तुम निशाचर राजा,
अर्धकाय जग राखहु लाजा ।
यदि ग्रह समय पाय हिं आवहु,
सदा शान्ति और सुख उपजावहु ।

॥ श्री केतु स्तुति ॥

जय श्री केतु कठिन दुखहारी,
करहु सुजन हित मंगलकारी ।
ध्वजयुत रुण्ड रूप विकराला,
घोर रौद्रतन अघमन काला ।
शिखी तारिका ग्रह बलवान,
महा प्रताप न तेज ठिकाना ।
वाहन मीन महा शुभकारी,
दीजै शान्ति दया उर धारी ।

॥ नवग्रह शांति फल ॥

तीरथराज प्रयाग सुपासा,
बसै राम के सुन्दर दासा ।
ककरा ग्रामहिं पुरे-तिवारी,
दुर्वासाश्रम जन दुख हारी ।
नवग्रह शान्ति लिख्यो सुख हेतु,
जन तन कष्ट उतारण सेतू ।
जो नित पाठ करै चित लावै,
सब सुख भोगि परम पद पावै ॥

॥ दोहा ॥

धन्य नवग्रह देव प्रभु,
महिमा अगम अपार ।
चित नव मंगल मोद गृह,
जगत जनन सुखद्वार ॥

यह चालीसा नवोग्रह,
विरचित सुन्दरदास ।
पढ़त प्रेम सुत बढ़त सुख,
सर्वानन्द हुलास ॥

॥ इति श्री नवग्रह चालीसा ॥

नवग्रह चालीसा पाठ करने के लाभ

  • ग्रह पीड़ा से शांति: नवग्रह चालीसा का पाठ करने से ग्रहों की प्रतिकूल स्थिति से राहत मिलती है।
  • सफलता और भाग्य: यह चुनौतियों का सामना करने की ताकत देता है और जीवन में सफलता पाने में मदद करता है।
  • मन की शांति: चालीसा का नियमित पाठ करने से मन को शांति मिलती है।
  • अच्छा स्वास्थ्य: इससे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में भी सुधार होता है।
  • आध्यात्मिक उन्नति: नवग्रह चालीसा पाठ आध्यात्मिक पथ पर आपकी यात्रा में सहायता कर सकता है।

चालीसा पाठ विधि

  1. समय: नवग्रह चालीसा का पाठ करने का सबसे अच्छा समय सुबह स्नान के बाद है।
  2. दिशा: पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें।
  3. पूजा सामग्री: एक चौकी, नवग्रह यंत्र या नवग्रहों की प्रतिमाएं, फूल, अगरबत्ती, दीपक, और प्रसाद।
  4. संकल्प: शुद्ध मन से संकल्प लें और नवग्रहों से अपने जीवन में आशीर्वाद की प्रार्थना करें।
  5. पाठ: श्रद्धा और भक्ति के साथ नवग्रह चालीसा का पाठ करें।
  6. अर्पण: नवग्रह देवताओं को प्रसाद अर्पित करें।
  7. आरती: नवग्रहों की आरती करें।

नवग्रह चालीसा का महत्व

नवग्रह चालीसा हिंदू धर्म में एक अत्यधिक महत्वपूर्ण स्तोत्र है। यह स्तोत्र सभी नौ ग्रहों से आशीर्वाद प्राप्त करने और जीवन में शांति, समृद्धि और सौभाग्य लाने का एक अद्भुत और प्रभावशाली तरीका है।

नवग्रहों से संबंधित उपाय

नवग्रह चालीसा पाठ के साथ-साथ इन उपायों से ग्रहों की प्रतिकूल स्थितियों में लाभ मिलता है:

  • ग्रहों के मंत्र जाप: प्रत्येक ग्रह के मंत्रों का जाप लाभ देता है।
  • रत्न धारण करें: अपनी जन्म कुंडली के आधार पर ज्योतिषी से सलाह लेकर रत्न धारण करें।
  • ग्रह के देवता को दान: ग्रह संबंधी अन्न, वस्त्र आदि का दान करें।

FAQs

  • नवग्रह चालीसा का कितनी बार पाठ करना चाहिए? आदर्श रूप से, आपको सुबह में हर दिन पाठ करना चाहिए। यदि संभव न हो तो प्रत्येक ग्रह से संबद्ध वार को पाठ कर सकते हैं।
  • क्या मैं घर पर नवग्रह चालीसा कर सकता हूँ? बिल्कुल, यह घर पर करने के लिए एक उत्तम स्तोत्र है।
  • क्या नवग्रह चालीसा करने के कोई दुष्प्रभाव हैं? इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं है, केवल सकारात्मक ऊर्जा और आशीर्वाद ही मिलते हैं।

भक्तों के अनुभव – नवग्रह चालीसा के चमत्कार

नवग्रह चालीसा की शक्ति कई भक्तों के अनुभवों में दिखाई देती है। यहां कुछ प्रेरक कहानियां दी गई हैं:

  • नौकरी में मिली तरक्की: अमित एक लंबे समय से अपनी नौकरी में परेशान था। नवग्रह चालीसा शुरू करने के बाद उन्हें न केवल तरक्की मिली, बल्कि उनके कार्यक्षेत्र में मान-सम्मान भी बढ़ा।
  • वैवाहिक जीवन में सौहार्द: सुजाता का वैवाहिक जीवन संघर्षपूर्ण था। नवग्रह चालीसा का पाठ करने के बाद, उन्होंने अपने रिश्ते में सकारात्मक बदलाव और अधिक समझदारी पाई।
  • आकस्मिक घटना से सुरक्षा: राजेश की कार का एक्सीडेंट होने वाला था। हालांकि, वह कहते हैं, नवग्रह चालीसा की सुरक्षा के कारण उन्हें केवल मामूली चोटें आईं।

ध्यान देने योग्य बातें

  • विश्वास और श्रद्धा: नवग्रह चालीसा का पाठ करते समय आस्था और भक्ति बनाए रखें।
  • शुद्धता: शारीरिक और मानसिक शुद्धता बनाए रखें।
  • उच्चारण: छंदों का सही और स्पष्ट उच्चारण करें।
  • नियमितता: सर्वोत्तम परिणाम के लिए नियमित पाठ करें।

आस्था और विश्वास की शक्ति अतुलनीय है। नवग्रह चालीसा सदियों पुरानी परंपरा पर आधारित है। यदि आप इसे सच्चे मन और श्रद्धा से करते हैं, तो आप निश्चित रूप से इसके शुभ प्रभावों का अनुभव करेंगे।

निष्कर्ष

प्रिय पाठकों, मुझे आशा है कि इस ब्लॉग पोस्ट ने आपको ‘नवग्रह चालीसा’ की शक्ति और महत्व के बारे में मूल्यवान जानकारी दी है। यदि आप कठिन समय का सामना कर रहे हैं, या अपने जीवन में अधिक सकारात्मकता लाना चाहते हैं, तो मैं आपको इस शक्तिशाली प्रार्थना पाठ को अपनी दिनचर्या में शामिल करने के लिए प्रोत्साहित करता हूं।

इस प्रार्थना की शक्ति पर विश्वास रखें। अपने जीवन में सद्भाव और आशीर्वाद प्रकट होते हुए देखें!


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