श्री चित्रगुप्त आरती

पर purva gudekar द्वारा प्रकाशित

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आपका स्वागत है! (Welcome!) हिंदू धर्म (religion) में कई देवी-देवता हैं, जिनकी हम पूजा करते हैं (we worship many deities in Hinduism). आज के इस ब्लॉग में, हम श्री चित्रगुप्त जी के बारे में जानेंगे (In today’s blog, we’ll learn about Shri Chitragupta Ji).

कौन हैं श्री चित्रगुप्त जी?

चित्रगुप्त जी को यमराज , मृत्यु के देवता , के लेखपाल के रूप में जाना जाता है . यह माना जाता है कि वह प्रत्येक व्यक्ति के जीवनकाल के सभी कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं

श्री चित्रगुप्त जी की पूजा क्यों महत्वपूर्ण है?

चित्रगुप्त जी की पूजा करना महत्वपूर्ण है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि वे हमारे कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं . उनके अच्छे कार्यों का लेखा-जोखा रखने और बुरे कर्मों को क्षमा करने का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उनका पूजन किया जाता है

श्री चित्रगुप्त जी की आरती

ॐ जय चित्रगुप्त हरे,
स्वामीजय चित्रगुप्त हरे ।
भक्तजनों के इच्छित,
फलको पूर्ण करे॥विघ्न विनाशक मंगलकर्ता,
सन्तनसुखदायी ।
भक्तों के प्रतिपालक,
त्रिभुवनयश छायी ॥
ॐ जय चित्रगुप्त हरे…॥

रूप चतुर्भुज, श्यामल मूरत,
पीताम्बरराजै ।
मातु इरावती, दक्षिणा,
वामअंग साजै ॥
ॐ जय चित्रगुप्त हरे…॥

कष्ट निवारक, दुष्ट संहारक,
प्रभुअंतर्यामी ।
सृष्टि सम्हारन, जन दु:ख हारन,
प्रकटभये स्वामी ॥
ॐ जय चित्रगुप्त हरे…॥

कलम, दवात, शंख, पत्रिका,
करमें अति सोहै ।
वैजयन्ती वनमाला,
त्रिभुवनमन मोहै ॥
ॐ जय चित्रगुप्त हरे…॥

विश्व न्याय का कार्य सम्भाला,
ब्रम्हाहर्षाये ।
कोटि कोटि देवता तुम्हारे,
चरणनमें धाये ॥
ॐ जय चित्रगुप्त हरे…॥

नृप सुदास अरू भीष्म पितामह,
यादतुम्हें कीन्हा ।
वेग, विलम्ब न कीन्हौं,
इच्छितफल दीन्हा ॥
ॐ जय चित्रगुप्त हरे…॥

दारा, सुत, भगिनी,
सबअपने स्वास्थ के कर्ता ।
जाऊँ कहाँ शरण में किसकी,
तुमतज मैं भर्ता ॥
ॐ जय चित्रगुप्त हरे…॥

बन्धु, पिता तुम स्वामी,
शरणगहूँ किसकी ।
तुम बिन और न दूजा,
आसकरूँ जिसकी ॥
ॐ जय चित्रगुप्त हरे…॥

जो जन चित्रगुप्त जी की आरती,
प्रेम सहित गावैं ।
चौरासी से निश्चित छूटैं,
इच्छित फल पावैं ॥
ॐ जय चित्रगुप्त हरे…॥

न्यायाधीश बैंकुंठ निवासी,
पापपुण्य लिखते ।
‘नानक’ शरण तिहारे,
आसन दूजी करते ॥

ॐ जय चित्रगुप्त हरे,
स्वामीजय चित्रगुप्त हरे ।
भक्तजनों के इच्छित,
फलको पूर्ण करे ॥

चित्रगुप्त जी की आरती के लाभ

श्री चित्रगुप्त जी की आरती करने के कई लाभ हैं, जिनमें शामिल हैं

  • अपने कर्मों का शुभ लेखा-जोखा बनाए रखना : जैसा कि बताया गया है, श्री चित्रगुप्त जी को हमारे कर्मों का लेखा-जोखा रखने के लिए जाना जाता है (. उनका नियमित रूप से पूजा करने से यह सुनिश्चित करने में मदद मिल सकती है कि हमारे अच्छे कर्मों का सही ढंग से लेखा-जोखा रखा जाए
  • पापों से क्षमा प्राप्त करना : यह माना जाता है कि श्री चित्रगुप्त जी दयालु हैं और अपने भक्तों को क्षमा करने में प्रसन्न होते हैं . उनका नियमित रूप से पूजा करने से हमें अपने पापों के लिए क्षमा प्राप्त करने में मदद मिल सकती है .
  • मोक्ष की प्राप्ति (Attaining moksha) : मोक्ष हिंदू धर्म में आध्यात्मिक मुक्ति की अवधारणा है . श्री

चित्रगुप्त पूजा विधि: विस्तृत जानकारी

श्री चित्रगुप्त जी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण देवता हैं, जिन्हें यमराज (Yama), मृत्यु के देवता (the god of death), के लेखपाल (recorder) के रूप में जाना जाता है . यह माना जाता है कि वह प्रत्येक व्यक्ति के जीवनकाल के सभी कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं

यदि आप श्री चित्रगुप्त जी का पूजन करना चाहते हैं, तो यहां विस्तृत जानकारी दी गई है कि आप यह कैसे कर सकते हैं:

सामग्री

  • श्री चित्रगुप्त जी की एक मूर्ति या तस्वीर (An idol or picture of Shri Chitragupta Ji)
  • फूल (Flowers)
  • कुमकुम और हल्दी (Kumkum and turmeric)
  • अगरबत्ती और धूप (Incense sticks and dhoop)
  • दीपक (A lamp)
  • प्रसाद (Prasad)
  • कलम और स्याही (A pen and ink)
  • चौकी (Chowki)
  • कपड़ा (Cloth)

विधि

  1. स्थान तैयार करें: सबसे पहले, एक स्वच्छ और शांत स्थान चुनें। इस स्थान को अच्छी तरह से साफ करें और इसे गंगाजल से धो ले.
  2. चौकी स्थापित करें: एक चौकी स्थापित करें और उस पर एक कपड़ा बिछाएं
  3. मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें: श्री चित्रगुप्त जी की मूर्ति या तस्वीर को चौकी पर स्थापित करें
  4. सजावट: मूर्ति या तस्वीर को फूलों से सजाएं
  5. दीपक जलाएं: एक दीपक जलाएं और उसे मूर्ति या तस्वीर के सामने रखें
  6. अगरबत्ती और धूप जलाएं: अगरबत्ती और धूप जलाएं .
  7. भोग अर्पित करें: प्रसाद (जैसे फल, मिठाई, या अन्य खाद्य पदार्थ) अर्पित करें
  8. कलम और स्याही अर्पित करें: कलम और स्याही अर्पित करें
  9. आचमन करें: जल से आचमन करें.
  10. संकल्प लें: श्री चित्रगुप्त जी की पूजा का संकल्प लें (Take a sankalpa for worshiping Shri Chitragupta Ji).
  11. मंत्र का जाप करें: श्री चित्रगुप्त जी का मंत्र (ॐ श्री चित्रगुप्ताय नमः) का 108 बार या अपनी इच्छानुसार जाप करें .
  12. आरती करें: श्री चित्रगुप्त जी की आरती गाएं .
  13. प्रार्थना करें: अपनी इच्छानुसार प्रार्थना करें और श्री चित्रगुप्त जी से आशीर्वाद मांगें
  14. प्रसाद वितरण: प्रसाद को ग्रहण करें और दूसरों को भी वितरित करें
  15. समाप्ति: श्री चित्रगुप्त जी को नमस्कार करें और पूजा समाप्त करें

चित्रगुप्त जी की कथा

श्री चित्रगुप्त जी के जन्म के संबंध में अनेक कथाएँ प्रचलित हैं (There are many popular stories related to the birth of Shri Chitragupta Ji). सबसे प्रचलित कथा के अनुसार, भगवान ब्रह्मा के शरीर से उत्पन्न हुए थे (According to the most prevalent story, he was born from the body of Lord Brahma).

चित्रगुप्त जयंती

चित्रगुप्त जयंती हिंदू धर्म में चित्रगुप्त जी का जन्मदिन मनाने का त्योहार है (Chitragupta Jayanti is a festival in Hinduism to celebrate the birthday of Chitragupta Ji). कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को चित्रगुप्त जयंती मनाई जाती है (Chitragupta Jayanti is celebrated on the second day of Shukla Paksha in the month of Kartik). इस दिन, श्री चित्रगुप्त जी की पूजा की जाती है और भक्त उनकी कहानियां (devotees listen to his stories) और आरती करते हैं (perform aarti).

श्री चित्रगुप्त जी से जुड़े भक्तों के अनुभव

पूरे भारत वर्ष में चित्रगुप्त जी के कई मंदिर हैं (There are many temples of Chitragupta Ji across India). इन सभी मंदिरों से भक्तों के अनेक अनुभव जुड़े हुए हैं (Many experiences of devotees are linked with all these temples).

कहा जाता है कि जो श्रद्धालु चित्रगुप्त जी के मंदिर में दर्शन करते हैं और पूरी आस्था से उनकी पूजा-अर्चना करते हैं, उन्हें अपने पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति होती है

श्री चित्रगुप्त पूजा के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. श्री चित्रगुप्त जी की पूजा का शुभ समय क्या है?

श्री चित्रगुप्त जी की पूजा का सबसे शुभ समय सुबह का माना जाता है . हालाँकि, आप अपनी सुविधानुसार दिन में कभी भी उनका पूजन कर सकते हैं .

2. क्या श्री चित्रगुप्त जी का व्रत भी रखा जाता है?

हाँ, चित्रगुप्त जयंती के दिन कई भक्त श्री चित्रगुप्त जी के लिए व्रत रखते हैं . यह व्रत आमतौर पर एक दिन का होता है, जिसके दौरान भक्त उपवास करते हैं और श्री चित्रगुप्त जी की पूजा करते हैं

3. क्या श्री चित्रगुप्त जी का कोई विशेष मंत्र है?

हाँ, श्री चित्रगुप्त जी का एक विशेष मंत्र है, जिसका जाप आप उनकी पूजा करते समय कर सकते हैं। मंत्र इस प्रकार है:

ॐ श्री चित्रगुप्ताय नमः

इस मंत्र का 108 बार जाप करने से लाभकारी माना जाता है

4. क्या घर पर श्री चित्रगुप्त जी की पूजा की जा सकती है?

हाँ, आप अपने घर पर भी श्री चित्रगुप्त जी की पूजा कर सकते हैं . इसके लिए आपको बस एक स्वच्छ स्थान चाहिए और सभी आवश्यक पूजा सामग्री की जरूरत होगी

5. श्री चित्रगुप्त जी का कौन सा प्रमुख मंदिर है?

भारत में श्री चित्रगुप्त जी के कई मंदिर हैं (India has many Chitragupta Ji temples). उनमें से कुछ सबसे प्रसिद्ध हैं (Some of the most famous among them are):

  • मध्य प्रदेश के उज्जैन में चित्रगुप्त मंदिर
  • कांचीपुरम, तमिलनाडु में चित्रगुप्त मंदिर

निष्कर्ष

श्री चित्रगुप्त जी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण देवता हैं . वह कर्मों (deeds) के लेखाकार के रूप में जाने जाते हैं और माना जाता है कि मृत्यु के बाद प्रत्येक व्यक्ति के कार्यों का हिसाब-किताब रखते हैं

श्री चित्रगुप्त जी को प्रसन्न करने के लिए उनकी शरण में जाना और उनका नियमित पूजन करने से लाभकारी होने माना जाता है . यदि आप अपने जीवन में अच्छे कर्मों का आशीर्वाद पाने की अभिलाषा रखते हैं और अपने पापों की क्षमा चाहते हैं, तो आज से ही श्री चित्रगुप्त जी का पूजन शुरू करें!

धन्यवाद! (Thank you!)


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