श्री शनि देव की आरती(Shri Shani Dev Aarti):अर्थ, महत्व, और लाभ

पर Shreya Dwivedi द्वारा प्रकाशित

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नमस्कार दोस्तों! क्या आपके जीवन में कभी ऐसा समय आया है जब आपको लगा कि चुनौतियां आपके रास्ते में आ रही हैं? हिंदू धर्म में, शनि देव या शनि देवता का संबंध अक्सर कर्मों के फल और जीवन के परीक्षणों से होता है। शनि देव की आरती एक शक्तिशाली प्रार्थना है जो न्याय, शांति और चुनौतियों पर काबू पाने के लिए दैवीय सहायता मांगती है।

शनि देव आरती

आरती कीजै नरसिंह कुंवर की । वेद विमल यश गाउँ मेरे प्रभुजी ॥

पहली आरती प्रह्लाद उबारे । हिरणाकुश नख उदर विदारे ॥

दुसरी आरती वामन सेवा । बल के द्वारे पधारे हरि देवा ॥

तीसरी आरती ब्रह्मकी सेवा । कूर्म रूप प्रभु धरें धरा को ॥

चतुर्थ आरती शिव सेवा । भस्मांगी भोला बने हो भोला ॥

पंचम आरती मथुरा धाम । कंसासुर मर्दन करवायो ॥

आरती सात द्वारिकाधीश । सहस बंधु से मुक्ति दिलाई ॥

आठवी आरती द्रौपदी की लाज । बढ़ा चीर हरि बसत हमारी साज ॥

नवम आरती नल की सेवा । निशि दिन दु:ख पाई बिनु शिव खेवा ॥

दसम आरती हरिश्चन्द्र सेवा । दास भाव कौ हृदय लईवा ॥

बारह द्वारिका नगरी के । रुक्मिणी हरण करी प्रभु वे ॥

तेरहवीं आरती विष्णु सेवा । शुम्भ-निशुम्भ मर्दन करवायो ॥

चौदहमीं आरती राम की सेवा । रावन हन रघुकुल कीर्ति बढ़ाइयो ॥

पंद्रहवीं आरती कृष्ण की सेवा । षोडश सहस्त्र स्त्री का भार उतारो ॥

आरती कीजै नरसिंह कुंवर की । वेद विमल यश गाउँ मेरे प्रभुजी ॥

शनि देव आरती का अर्थ

शनि देव की आरती एक भक्ति स्तोत्र है जो शनि देव, कर्म के देवता और न्याय के प्रतीक, की प्रशंसा में गाया जाता है। यह आरती शनि देव के विभिन्न अवतारों और शक्तियों को याद करती है। भक्त इसमें पापों की क्षमा, ज्ञान, और मार्गदर्शन के लिए प्रार्थना करते हैं। साथ ही, वे शनि देव के न्यायपूर्ण स्वभाव पर जोर देते हैं और इस आरती द्वारा उनके आशीर्वाद से अपने जीवन में सुख, समृद्धि और शांति की कामना करते हैं। शनि देव की आरती जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करने, मानसिक शांति लाने और शनि देव की कृपा से कष्टों से मुक्ति पाने का एक शक्तिशाली तरीका मानी जाती है।

आरती का महत्व

शनि देव की आरती करना उनके प्रति सम्मान और भक्ति दिखाने का एक शक्तिशाली तरीका है। इस आरती के माध्यम से, हम शनि देव से अपने पापों को क्षमा करने और हमें शक्ति एवं मार्गदर्शन देने का आग्रह करते हैं। जो लोग शनि देव की आरती नियमित रूप से करते हैं, वे अपने जीवन में सद्भाव और शांति का अनुभव कर सकते हैं।

आरती करने की विधि

  • आरती करने से पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनने चाहिए।
  • एक आसन पर बैठकर शनि देव की प्रतिमा या तस्वीर के सामने एक दीपक जलाएं।
  • अगरबत्ती और फूल अर्पित करें।
  • अब शनि देव की आरती शुरू करें, और श्रद्धा और भक्ति के साथ गाएं।
  • आरती को पूरा करने के बाद शनि देव का ध्यान करें और उनसे आशीर्वाद मांगें।

शनि देव की आरती करने के लाभ

शनि देव की आरती करने के अनेक लाभ हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं:

शनि देव को कर्मों का फल देने वाला देवता माना जाता है। शनि देव की आरती करने से व्यक्ति के कर्मों का शुभ फल प्राप्त होता है और जीवन में आने वाली बाधाओं का नाश होता है।

शनि देव न्याय के देवता भी हैं। शनि देव की आरती करने से व्यक्ति के जीवन में न्याय और समृद्धि आती है।

शनि देव की ढैय्या और साढ़े साती व्यक्ति के जीवन में अनेक कठिनाइयां ला सकती हैं। शनि देव की आरती करने से इन कठिनाइयों से मुक्ति मिल सकती है।

शनि देव की आरती करने से व्यक्ति को मानसिक शांति प्राप्त होती है।

शनि देव की आरती करने से व्यक्ति को रोगों से मुक्ति मिल सकती है।

शनि देव की आरती करने से शनि देव की कृपा प्राप्त होती है।

शनि देव की आरती करने से ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों से मुक्ति मिल सकती है।

शनि देव की आरती करने से व्यक्ति को आत्मिक उन्नति प्राप्त होती है।

शनि देव की आरती करने से व्यक्ति में भक्ति और आस्था बढ़ती है।

शनि देव की आरती करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है।

भक्तों की कहानियां और उनका अनुभव

रमेश कुमार नाम का एक युवक था जो अपने जीवन में कई समस्याओं का सामना कर रहा था। वह अपनी नौकरी खो चुका था, उसके रिश्ते में परेशानी थी और वह मानसिक रूप से बहुत परेशान था। एक दिन, उसने एक मंदिर में शनि देव की आरती करते हुए कुछ भक्तों को देखा। उसने भी आरती में शामिल होने का फैसला किया।

रमेश कुमार ने नियमित रूप से शनि देव की आरती करना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे, उसकी नौकरी में सुधार हुआ, उसके रिश्ते में सुधार हुआ और उसे मानसिक शांति मिली। रमेश कुमार का मानना ​​है कि शनि देव की आरती ने उसके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया।

सुनीता देवी नाम की एक महिला अपने परिवार के साथ रहती थी। उसके परिवार में कई स्वास्थ्य समस्याएं थीं। एक दिन, उसने एक ज्योतिषी से सलाह ली। ज्योतिषी ने उसे शनि देव की आरती करने की सलाह दी।

सुनीता देवी ने नियमित रूप से शनि देव की आरती करना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे, उसके परिवार के स्वास्थ्य में सुधार हुआ। सुनीता देवी का मानना ​​है कि शनि देव की आरती ने उसके परिवार को स्वास्थ्य लाभ प्रदान किए।

अजय नाम का एक छात्र अपनी परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहा था। वह बहुत परेशान था। एक दिन, उसकी माँ ने उसे शनि देव की आरती करने के लिए कहा।

अजय ने अपनी माँ की बात मानकर शनि देव की आरती करना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे, उसकी एकाग्रता में सुधार हुआ और उसने अपनी परीक्षाओं में अच्छे अंक प्राप्त किए। अजय का मानना ​​है कि शनि देव की आरती ने उसे सफलता प्राप्त करने में मदद की।

निष्कर्ष:

शनि देव की आरती से मिलने वाले लाभों पर आधारित असंख्य कहानियां मौजूद हैं। चाहे वह कठिन परिस्थिति पर काबू पाने के बारे में हो, मानसिक शांति, या अप्रत्याशित सफलता की कहानी हो, ये अनुभव शनि देव की पूजा की शक्ति और आरती करने के पीछे के गहरे विश्वास को प्रदर्शित करते हैं।

हालांकि यह मानना महत्वपूर्ण है कि कोई भी आरती या प्रार्थना रामबाण नहीं है। सच्चे लाभ तब मिलते हैं जब भक्त अपनी श्रद्धा को धार्मिक अनुष्ठानों से परे अपने दैनिक कार्यों में भी दर्शाते हैं। शनि देव, न्याय और कर्म के देवता होने के कारण, उन लोगों पर कृपा करते हैं जो कड़ी मेहनत करते हैं, नैतिकता का पालन करते हैं, और दयालु होते हैं।

इसलिए, जबकि शनि देव की आरती एक शक्तिशाली शुरुआत कराती है, इस भक्ति को अपने जीवन में सकारात्मक बदलावों के लिए उत्प्रेरक के रूप में प्रयोग करना ज़रूरी है। आरती के माध्यम से शनि देव का आह्वान करना इस उद्देश्य की प्राप्ति में मार्गदर्शन के लिए, और कठिन समय में आंतरिक शक्ति प्रदान करने के लिए किया जा सकता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

शनि देव की आरती शनिवार के दिन करना सबसे शुभ माना जाता है।

शनि देव की आरती को आप अपनी सुविधानुसार एक बार या कई बार कर सकते हैं।

आरती करते समय मन शांत और एकाग्र होना चाहिए।

शनि देव की आरती करने से शनि का प्रभाव कम नहीं होता है, बल्कि यह भक्तों को शनि देव की कृपा प्राप्त करने में मदद करता है।

शनि देव की आरती करने से जीवन में सुधार हो सकता है, यदि भक्त शनि देव की भक्ति और पूजा पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ करते हैं।

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